अनुपम खेर की इस हफ्ते रिलीज हो रही फिल्म दि एक्सीडेंटल प्राइम मिनिस्टर लगातार चर्चा में बनी हुई है. फिल्म में अक्षय खन्ना उस किताब के लेखक (संजय बारू) की भूमिका निभा रहे हैं, जिस पर फिल्म आधारित बताई जा रही है. फिल्म मनमोहन सिंह के प्रधानमंत्री रहने के दौरान की है. अक्षय खन्ना ने एक इंटरव्यू में कहा कि वे आज भी मनमोहन सिंह को पसंद करते हैं, उन्हें किसी भी पद के लिए किसी मान्यता की जरूरत नहीं है.
अक्षय ने कहा- "मनमोहन सिंह बड़े आदमी हैं और उनका कद व महानता की जो छवि जनता में पिछले 5-6 दशकों से बनी है, वह सराहनीय है. यदि मनमोहन सिंह देश के प्रधानमंत्री नहीं भी बनते तो भी उतने ही बड़े आदमी होते जितने कि आज हैं. कोई भी इंसान उन कामों को नजरअंदाज नहीं कर सकता, जो उन्होंने किए हैं. वे एक ग्लोबल फिगर हैं और दुनियाभर में उनकी आर्थिक नीतियों को पढ़ा गया है. "
“Friends!! It is my pleasure to let you know that there are two days left for the release of our film #TheAccidentalPrimeMinister. Releasing on 11th Jan.🙏😍 @TAPMofficial pic.twitter.com/QRHQUvQPqr
— Anupam Kher (@AnupamPKher) January 9, 2019
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दि एक्सीडेंटल प्राइम मिनिस्टर को भाजपा का प्रोपेगेंडा बताए जाने पर अक्षय खन्ना ने कहा- "राजनीति राजनेताओं के लिए छोड़ दी जाए तो अच्छा है." उन्होंने कहा- फिल्म में उन्हें अपना किरदार बेहद पसंद आया. ऐसा रोल उन्होंने पहले कभी नहीं निभाया. ये अलग तरह से लिखा गया था.
इन 3 वजहों से जरूर देखनी चाहिए दि एक्सीडेंटल प्राइम मिनिस्टर
बता दें कि दि एक्सीडेंटल प्राइम मिनिस्टर का ट्रेलर देखकर लोग अभी तक इस कशमकश में हैं कि मूवी में नायक कौन है और खलनायक कौन? संजय बारू ने अपनी किताब में भी सोनिया गांधी को कठघरे में खड़ा किया था. लोगों का कहना है मूवी की आड़ में कांग्रेस की साख को ध्वस्त करने की कोशिश है. बड़ा सवाल ये है कि क्या फिल्म में कांग्रेस और गांधी परिवार को विलेन दिखाया गया है? क्या मनमोहन सिंह और संजय बारू को हीरो दिखाया गया है? फिल्म रिलीज के बाद ही इन सवालों के जवाब मिलेंगे.