आज बॉलीवुड के दिग्गज एक्टर धर्मेंद्र 82 साल के हो गए हैं. वह हिंदी फिल्मों के ऐसे फनकार हैं जिन्होंने अपनी एक्टिंग से लाखों लोगों का दिल जीता. वह बॉलीवुड में ही-मैन के नाम से पॉपुलर हैं. धर्मेंद्र ज्यादातर फिल्मों में मस्त-मौला अंदाज में नजर आए. शोले में उनका शराब पीकर धन्नो को मनाने का स्टाइल आज भी लोगों को याद है. उनकी निजी जिंदगी में भी शराब से जुड़ा एक मजेदार वाकया है, जो कि उनकी मां से संबंधित है.
वह अपनी मां के काफी करीब रहे हैं. उन्होंने बताया, मां से ज्यादा बाप करता है, लेकिन उतना श्रेय नहीं मिलता. मां जब काम करती थी लगता था मैं भी काम करूं उनका. मैं मां के पैर दबाता था. एक दिन ड्रिंक कर मैंने बहुत अच्छे से मां के पैर दबाए. मां ने कहा, थोड़ी पी लिया कर.'
अवॉर्ड लेना आना चाहिए, मुझमें वो शातिरपन और खूबी नहीं- धर्मेंद्र
धर्मेंद्र कहते हैं , उनके कहने का मतलब था कि मत पिया करो. मां चाहती थीं कि मेरे बच्चे अच्छे इंसान बन कर रहे.' धर्मेंद्र ने कहा, 'इंसानियत से बढ़कर कुछ नहीं होता. कहां कितना क्या बोलना है, हमें पता होना चाहिए.
लोगों के दिलों पर राज करने की ख्वाहिश
धर्मेंद्र ने बताया कि वो बॉलीवुड में पैसे कमाने नहीं आए थे. उन्होंने कहा, मैं लोगों के दिलों में जगह बनाना चाहता था. लोग मुझे अपना भाई दोस्त समझते हैं. इसे देखकर मुझे खुशी होती है. मैं आज भी अपनी मिट्टी को नहीं भूला हूं. आज भी जिम्मेदारी वही है. अपने लोगों से उतनी ही मोहब्बत है.
'शोले में 'मौसीजी' सलीम-जावेद ने नहीं मैंने बनाया, खुद लिखता था संवाद'
मधुबाला इंस्पिरेशन से भी ज्यादा
धर्मेंद्र कहते हैं, मेरे लिए दिलीप कुमार इंस्पिरेशन थे और मधुबाला उससे भी ज्यादा. शुरुआती दिनों को याद करते हुए कहा, 'मैं दिलीप कुमार और हीरोइनों को देखकर सोचता था कि ये अप्सराएं हैं. सोचता था कहां रहते हैं ये लोग? दिलीप कुमार प्रेरणा थे. मधुबाला तो प्रेरणा से भी ज्यादा थीं.