scorecardresearch
 

अब विदेश से स्टूडेंट्स को वापस लाएंगे सोनू सूद, कल उड़ेगी पहली फ्लाइट

सोनू सूद इससे पहले भी फ्लाइट के जरिए लोगों को उनके शहर-घर भिजवा चुके हैं. लॉकडाउन के शुरुआती दिनों में केरल में ओडिशा की कई नर्सें फंस गई थीं. जब उन्होंने सोनू सूद से मदद मांगी तो उन्होंने रहकर उनकी मदद की.

Advertisement
X
सोनू सूद
सोनू सूद

Advertisement

कोरोना वायरस के कारण लॉकडाउन में खुले दिल से लोगों की मदद करने वाले सोनू सूद अब विदेश में फंसे इंडियन स्टूडेंट्स को देश लाने जा रहे हैं. उन्होंने इसका ऐलान खुद किया है. इसके लिए पहली फ्लाइट 22 जुलाई को भेजने की तैयारी है. बता दें कि लॉकडाउन के दौरान सोनू सूद उस वक्त चर्चा में आए जब उन्होंने मुंबई से देश के कई हिस्सों में प्रवासी श्रमिकों को बसों के जरिए घर भेजा.

किर्गिस्तान से स्टूडेंट्स को घर लाने की तैयारी

सोनू सूद ने ट्विटर पर इस बात की जानकारी दी. उन्होंने कहा, 'किर्गिस्तान में फंसे स्टूडेंट्स को घर लाने का वक्त आ गया है. Bishkek -Varanasi पहली चार्टर फ्लाइट 22 जुलाई को चलेगी. इसकी डिटेल मेल आईडी ओर मोबाइल पर भेज दी जाएगी. इसी हफ्ते कुछ और देशों से भी चार्टर फ्लाइट का संचालन किया जाएगा.

Advertisement

पहले भी फ्लाइट से फंसे लोगों को घर ला चुके हैं सोनू सूद

सोनू सूद इससे पहले भी फ्लाइट के जरिए लोगों को उनके शहर-घर भिजवा चुके हैं. लॉकडाउन के शुरुआती दिनों में केरल में ओडिशा की कई नर्सें फंस गई थीं. जब उन्होंने सोनू सूद से मदद मांगी तो उन्होंने रहकर उनकी मदद की. कई नर्सों को उन्होंने फ्लाइट के द्वारा केरल से ओडिशा घर भेजा. इस पर ओडिशा के सीएम नवीन पटनायक ने उनकी जमकर तारीफ की थी. हालांकि, ऐसा पहली बार होगा जब विदेश से सोनू सूद किसी भारतीय को उसके घर ला रहे हैं.

कंगना ने अनुराग कश्यप को बताया 'मिनी महेश भट्ट', डायरेक्टर बोले- बहुत हो गया

साउथ एक्ट्रेस ऐश्वर्या अर्जुन को हुआ कोरोना, रहेंगी होम क्वारंटीन, दी जानकारी

प्रवासी मजदूरों की मदद जारी

मुंबई से प्रवासी मजदूरों को घर भेजने के बाद भी सोनू सूद लगातार उनकी मदद कर रहे हैं. दो दिन पहले जब ट्विटर पर एक फोटो वायरल हुई थी जहां एक परिवार को फुटपाथ पर सोना पड़ा था तो सोनू सूद ने मदद के लिए हाथ बढ़ाया था. उन्होंने कहा था कि इस परिवार के सिर पर कल छत होगी.

हर तरफ सोनू सूद की तारीफ

Advertisement

सोनू सूद की तारीफ चारो तरफ हो रही है. सोनू सूद की इंसानियत को देखते हुए जो प्रवासी मजदूर अपने घर को लौट रहे हैं, वे उन्हें कोटि-कोटि धन्यवाद दे रहे हैं. कुछ ने अपना नाम सोनू सूद रख लिया है, कुछ ने अपने दुकान का नाम ही सोनू सूद के नाम पर रख लिया.

Advertisement
Advertisement