scorecardresearch
 

बॉलीवुड की नजर में 'अंग्रेज' ही रहा ये शख्स, सचिन का किया पहला TV इंटरव्यू

दिग्गज अभिनेता टॉम ऑल्टर के निधन से बॉलीवुड में शोक की लहर है. इंडियन-अमेरिकन एक्टर टॉम ने कई हिंदी फिल्मों में काम किया लेकिन अपने लुक की वजह से उन्हें सिर्फ अंग्रेज का ही रोल निभाने को मिलता था. जानें टॉम क्यों एक ही करेक्टर तक सिमटकर रह गए....

Advertisement
X
टॉम ऑल्टर
टॉम ऑल्टर

Advertisement

दिग्गज अभिनेता टॉम ऑल्टर के निधन से बॉलीवुड में शोक की लहर है. इंडियन-अमेरिकन एक्टर टॉम ने कई फिल्मों में काम किया लेकिन अपने लुक की वजह से उन्हें ज्यादातर अंग्रेज अफसरों या विदेशी करेक्टर का रोल मिला. कई लोगों के लिए वह विलेन के तौर पर सिर्फ अंग्रेज अफसर ही साबित हुए. हिंदी फिल्मों के अलावा बंगाली, असमी, मलयाली जैसी फिल्मों ने भी टॉम को 'अंग्रेज' करेक्टर के लिए ही काम दिया.

टॉम ऑल्टर के जाने पर अर्जुन कपूर को आई 'जुबान संभाल के' की याद

टॉम ने 1976 में रामानंद सागर की फिल्म चरस से बॉलीवुड में डेब्यू किया था. इस फिल्म में टॉम के किरदार को लोगों ने खूब पसंद किया. जिसके बाद इस अभिनेता ने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा. उन्होंने शतरंज के खिलाड़ी, गांधी, कर्मा, राम तेरी गंगा मैली हो गई, लोकनायक जैसे बेहतरीन फिल्मों में काम किया. फिल्म क्रांति में उन्होंने ब्रिटिश ऑफिसर का रोल निभाया था. इस रोल से उन्हें लोगों के बीच जबरदस्त पॉपुलैरिटी मिली थी. विदेशी किरदार में उनकी पॉपुलैरिटी इतनी थी कि उन्होंने कन्नड़ फिल्म कन्नेश्वारा रामा में ब्रिटिश पुलिस का रोल निभाया. उन्होंने गुजराती, बंगाली, असमी, मलयाली फिल्मों में भी काम किया है. टॉम ने एक इंटरव्यू में कहा था कि मैंने मौलाना आजाद, मिर्जा गालिब, साहिर लुधियानवी का भी रोल किया है, लोगों ने मेरी एक्टिंग की तारीफ की लेकिन किसी ने यह नहीं कहा कि करेक्टर इतना गोरा रंग क्यों है. जरूरी है कि आप आप भरोसे के साथ काम करें.

Advertisement

टॉम ने कई इंटरनैशनल प्रोजेक्ट्स में भी काम किया. उन्होंने इंग्लिश फिल्म विद लव, दिल्ली!, सन ऑफ फ्लावर, साइकिल किक, अवतार, ओसियन ऑफ अन ओल्ड मैन, वन नाइच विद द किंग, साइलेंस प्लीज... में काम किया.

मशहूर अभिनेता टॉम ऑल्टर का 67 साल की उम्र में निधन, कैंसर से थे पीड़ित

टॉम अल्टर विदेशी माता-पिता की संतान थे, जन्म और निवास से भारतीय थे. वो फर्राटेदार हिंदी बोलते थे. उर्दू में भी उन्हें महारत हासिल थी. उन्होंने करीब 300 फिल्मों में काम किया. राजेश खन्ना की फिल्म आराध्या टॉम की जिंदगी में बड़ा बदलाव लाई. इसी फिल्म को देखने के बाद उन्होंने एक्टर बनने की ठानी और पुणे में FTII में दाखिला लिया. वह राजेश खन्ना के बहुत बड़े फैन थे. राज्यसभा टीवी के एक इंटरव्यू में उन्होंने कहा था, वह राजेश खन्ना की वजह से फिल्मों में आए और वे भी राजेश खन्ना बनना चाहते हैं. उन्होंने बताया था कि वह राजेश खन्ना की फिल्म का फर्स्ट डे फर्स्ट शो देखने अक्सर मसूरी से दिल्ली आते थे. उन्होंने यहां के कनॉटप्लेस स्थित रीगल सिनेमा में राजेश खन्ना की आनंद, दुश्मन और अमर प्रेम जैसी कई फिल्मों के फर्स्ट शो देखे.

अपने गोरे रंग की वजह से शुरूआत में उन्हें सिर्फ अंग्रेज का किरदार निभाने को मिलते थे. जिसके बाद  उन्होंने 1977 में उन्होंने FTII दोस्त नसीरुद्दीन शाह और बेनजमिन गिलानी के साथ मोटली नाम का थियेटर ग्रुप खोला. उन्होंने 2014 राज्यसभा टीवी के शो संविधान में मौलाना अबुल कलाम आजाद का रोल निभाया. जिसमें उनके किरदार को काफी सराहा गया.

Advertisement

फिल्मों के अलावा उन्होंने अपने करियर का लंबा वक्त थिएटर को दिया है, टॉम ने छोटे पर्दे पर भी काम किया है. इसी साल टॉम की फिल्म सरगोशियां रिलीज हुई थी. इसमें उन्होंने मिर्जा गालिब का किरदार निभाया था. टॉम को फिल्मों के अलावा खेल में भी काफी दिलचस्पी थी. टॉम सचिन तेंदुलकर का इंटरव्यू लेने वाले पहले शख्स थे. 1988 में जब मास्टर ब्लास्टर सचिन 15 साल के थे तब टॉम ने उनका पहला इंटरव्यू लिया. टॉम को उर्दू और शायरी में बेहद दिलचस्पी थी.

Advertisement
Advertisement