इंडिया टुडे कॉन्क्लेव ईस्ट 2018 के दूसरे दिन प्रीति जी जिंटा ने शिरकत की. उन्होंने इस दौरान न सिर्फ अपनी फिल्म, बल्कि तनुश्री-नाना पाटेकर विवाद, अंडरवर्ल्ड, आईपीएल, पर्सनल लाइफ आदि पर भी बात की.
एक समय ऐसा था जब प्रीति को अंडर वर्ल्ड की धमकियों का सामना करना पड़ा. उन्होंने ऐसे दौर में सिक्योरिटी तक लेने से मना कर दिया था. प्रीति ने कहा- "यदि उन्हें पता होता कि सभी लोग अंडरवर्ल्ड से डर कर पीछे हो जाएंगे तो शायद मैं भी अंडरवर्ल्ड के खिलाफ आवाज न उठाती. लेकिन वे खड़ी रहीं. प्रीति ने कहा कि एक ऐसा समय था कि उन्होंने +92 से शुरू होने वाले नंबर तक उठाना बंद कर दिया था. प्रीति ने कहा कि उस वक्त एक प्रोटोकॉल भी था कि यदि आपको +92 से कॉल आती तो आपके कॉल रिकॉर्ड होना शुरू हो जाते थे. धमकियों के इस दौर में प्रीति ने कहा कि उनसे लाल कृष्ण आडवाणी ने बात की और भरोसा दिलाया कि डरने की कोई बात नहीं है. हालांकि, मैनें सिक्योरिटी लेने से मना कर दिया था, लेकिन बाद में सादी वर्दी में कुछ पुलिस वाले मेरे साथ सेट पर रहते थे."
तनुश्री और नाना मामले में दिया ये रिएक्शन
तनुश्री और नाना पाटेकर के विवाद पर प्रीति ने कहा, "ये सिर्फ भारत में नहीं, बल्कि सभी देशों में और सभी इंडस्ट्री में है. सबसे पहले ये मानना होगा कि इंडस्ट्री में ये दिक्कत है. इसे स्वीकार करने की जरूरत है. दूसरा यदि आपके पास कुछ अच्छा कहने को नहीं है, तो आपको अपना मुंह बंद रखना चाहिए, क्योंकि आपको नहीं पता कि उसके साथ क्या हुआ है. ये समस्या सिर्फ महिलाओं के साथ नहीं पुरुषों के साथ भी है. यदि कोई आपसे रात को 2 बजे कहे कि मेरे कमरे में आओ मेरे पास आपके लिए रोल है, तो आप मूर्ख हैं. आपको अपने दिमाग का इस्तेमाल करना चाहिए."
प्रीति जिंटा बोलीं- मेरे साथ ऐसा होता तो मैं कूट देती
प्रीति से जब पूछा गया कि क्या कॉलेज में या वे जब फिल्मों में नई थी कभी उनके साथ कास्टिंग काउच या इस तरह की छेड़छाड़ हुई ? जवाब में उन्होंने कहा- "मेरे साथ ऐसा होता तो मैं कूट देती. खुशनसीबी है कि ऐसा कुछ नहीं हुआ."
क्रिकेट में सट्टेबाजी हो लीगल
प्रीति ने कहा कि उनका मानना है कि सट्टेबाज को लीगल कर देना चाहिए. इसके पीछे प्रीति ने अपना लॉजिक भी दिया. प्रीति का कहना है कि सट्टेबाजी से सरकार को रेव्यू प्राप्त हो सकता है. बीसीसीआई भी इसे लीगल किए जाने का सुझाव दे चुका है. देखिए आप हर एक व्यक्ति का लाई डिटेक्टर टेस्ट नहीं कर सकते. लोगों के अंदर पकड़े जाना का डर होता है. यदि आप कमीने होगे तो होंगे, मेरे कहने से ये बदल नहीं जाता."
बाहर होना चाहती थी 'क्या कहना' से
प्रीति जिंटा बताया कि उनकी पहली फिल्म क्या कहना का अनुभव कैसा रहा. प्रीति जिंटा ने कहा कि वे फिल्म से परेशान होकर विदेश में वापस आना चाहती थीं, जहां इसकी शूटिंग हो रही थीं. इसके बाद निर्देशक कुंदन शाह उन पर काफी चिल्लाए और उन्हें रोकने के लिए उन्होंने गेट बंद कर लिए.