साहो का बॉक्स ऑफिस पर डंका बज रहा है. बाहुबली सीरीज के 2 साल बाद जब एक्टर सिल्वर स्क्रीन पर पधारे तो फैंस की उत्सुकता का चरम पर होना लाजमी था. फर्स्ट डे फर्स्ट शो के लिए देशभर में एडवांस टिकटें बुक हुईं. लेकिन क्रिटिक्स से मिले खराब रिस्पॉन्स ने फैंस के अरमानों पर पानी फेर दिया. साहो चाहे उल्लेखनीय कमाई कर रही हो, मगर कॉन्सेप्ट, कहानी, स्क्रीनप्ले के मामले में फिल्म लचर साबित हुई.
इस बात को कबूलने में चाहे प्रभास के फैंस संकोच करे, लेकिन सच तो यही है. बाहुबली में अपनी एक्टिंग का लोहा मनवाने वाले प्रभास की एक्टिंग स्किल्स भी कठघरे में है. कड़वा सच यही है कि साहो सिर्फ और सिर्फ प्रभास के फैंडम के सहारे चल रही है. ऐसे में बाहुबली एक्टर को कमर कसने की जरूरत है. ताकि साहो देखने के बाद लोगों का जो भरोसा टूटा है उसे फिर से कायम किया जा सके.
कैसे निराश फैंस का दिल जीत सकते हैं प्रभास
बाहुबली सीरीज के बाद लोगों ने माना कि एक्टर की अगली फिल्म बाहुबली से बड़ी और उसके लेवल की होगी. ऐसे में जब प्रभास ने साहो जैसा कमजोर प्रोजेक्ट चुना तो फैंस-क्रिटिक्स का निराश होना स्वाभाविक था. साहो का हाल देखने के बाद प्रभास को अपने अगले प्रोजेक्ट को सोच समझकर चुनना चाहिए. एक ऐसा प्रोजेक्ट जो प्रभास को फिर से ऑडियंस के बीच बाहुबली बना दे. वैसे प्रभास की अगली फिल्म लव स्टोरी पर आधारित है.
फिल्मों के चयन में करें बदलाव
इन दिनों कॉन्सेप्ट, रियलिटी और सोशल ड्रामा बेस्ड फिल्में चल रही हैं. प्रभास ने ज्यादातर एक्शन, रोमांटिक जोनर की फिल्मों में ही काम किया है. अब प्रभास सिर्फ साउथ इंडस्ट्री तक सिमटकर नहीं रह गए हैं, उनकी बॉलीवुड में भी तगड़ी डिमांड है और देशभर में एक्टर का फैंडम है. प्रभास को अपने कंफर्टेबल जोन से हटकर फिल्में करनी होगी, ताकि वे फैंस को उनकी एक्टिंग के अलग-अलग शेड्स देखने को मिल सके.
बिना हिंदी सीखे नहीं जमेगा बॉलीवुड में सिक्का
साहो में प्रभास की हिंदी डबिंग की खूब आलोचना हो रही है. एक्टर को हिंदी ऑडियंस के बीच हिट होने के लिए हिंदी बोलने में तेज-तर्रार होना होगा. तब जाकर प्रभास बॉलीवुड में सफल हो सकते हैं. वरना उन्हें भी दूसरे साउथ इंडियन एक्टर्स की तरह एक ही इंडस्ट्री में सिमटकर रहना होगा.