17 दिसंबर को एजेंडा आजतक 2019 में आयुष्मान खुराना ने शिरकत की. उन्होंने मॉड्ररेटर सुशांत मेहता के साथ अंधाधुन सुपरहिट्स नाम के सेगमेंट में बात की. आयुष्मान ने इस सेगमेंट में अपने करियर, फिल्मों, निजी जिंदगी और दिल्ली के जामिया में हुए पुलिस और विद्यार्थियों के बीच की झड़प के बारे में भी बात की.
मॉड्ररेटर सुशांत मेहता ने आयुष्मान की फिल्मों के बारे में उनसे बात करते हुए पूछा कि आयुष्मान ऐसी बढ़िया फिल्में कैसे चुन रहे हैं. इस पर आयुष्मान ने बताया कि वो किसी भी स्क्रिप्ट के लिए तैयार रहते हैं. वो साधारण से लेकर नए राइटर और मंझे हुए लोग सभी से बात करता हूं और उनकी कहानी को सुनता हूं. मैं अपने काम को लेकर काफी खुला दिमाग रखता हूं.
कैसे बने ड्रीम गर्ल?
इतना ही नहीं आयुष्मान ने ये भी बताया कि वो अपनी फिल्म की स्क्रिप्ट को बतौर एक्टर नहीं बल्कि दर्शकों के नजरिए से पढ़ते हैं. आयुष्मान ने ड्रीम गर्ल, अंधाधुन और बाला की तैयारी के बारे बताया कि कैसे ड्रीम गर्ल में लड़की की आवाज निकालने के लिए उन्होंने 40-50 टेक दिए थे.
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आयुष्मान ने बताया, 'मैं जब रेडियो में था तो लोगों को खूब प्रैंक कॉल किया करता था. ये बात सामने नहीं आई लेकिन मैंने परफेक्ट आवाज निकालने के लगभग 40-50 टेक दिए थे, जो आसान बात नहीं है. रेडियो की वजह से मैंने ये आसानी से कर लिया.'
अंधाधुन के लिए बिताया था ब्लाइंड स्कूल में समय
इसके आगे आयुष्मान खुराना ने अपनी फिल्म अंधाधुन में एक अंधे पियानो प्लेयर के किरदार को निभाने के बारे में बात की. उन्होंने बताया कि कैसे उन्होंने ब्लाइंड स्कूल में काफी समय बिताया था. आयुष्मान ने कहा, 'मैंने इस किरदार के लिए काफी समय ब्लाइंड स्कूल में बिताया था. मैंने कई ब्लाइंड म्यूजिशियन्स से भी मिला. एक राहुल नाम का पियानिस्ट था मैं उस पर ध्यान देता था. रोज मेरी वर्कशॉप होती थीं. ब्लाइंड स्कूल में एक टीचर था, जिसमें मुझे चलना फिरना, सीढ़ी चढ़ना और पढ़ना सिखाया था. मेरे लिए सबसे मुश्किल था पियानो बजाना सीखना. क्योंकि आपको एक असली पियानो प्लेयर दिखना जरूरी है.'
बता दें कि आयुष्मान खुराना जल्द ही फिल्म शुभ मंगल ज्यादा सावधान और गुलाबो सीताबो में नजर आने वाले हैं.