साल 2014 में आम चुनाव के दौरान एक कॉमिक्स रिलीज़ हुई थी. नाम था बाल नरेंद्र. इस कॉमिक में नरेंद्र मोदी की ज़िंदगी के कई पहलुओं को छूने की कोशिश की गई थी. पांच साल बाद मौजूदा लोकसभा चुनाव से पहले एक दिलचस्प और नई चीज देखने को मिली. यह था पर्सनल लाइफ पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ सुपरस्टार अक्षय कुमार की लंबी चौड़ी बातचीत. ये बातचीत पूरी तरह अराजनीतिक थी.
राजनीतिक गलियारे से लेकर सोशल मीडिया तक प्रधानमंत्री के साथ अक्षय कुमार की बातचीत चर्चा में है. घोर राजनीतिक माहौल में अराजनीतिक इंटरव्यू को लेकर अक्षय कुमार पर हमले भी हो रहे हैं. हालांकि ऐसे लोगों की भी कमी नहीं है जो इसे लोकसभा चुनाव से पहले नरेंद्र मोदी का मास्टरस्ट्रोक मान रहे हैं. कहा जा रहा है कि इस इंटरव्यू के जरिए मोदी ने उन मतदाताओं को भी साधने की कोशिश की है जो बॉलीवुड में तो रुचि रखते हैं, लेकिन उनकी दिलचस्पी में पॉलिटिक्स नहीं है.
मौजूदा लोकसभा चुनाव कैम्पेन के चौथे चरण से पहले सामने आए इस इंटरव्यू में मोदी के बारे में सामान्य तौर पर वही जानकारियां मिलती हैं जो पहले से ही पब्लिक डोमेन में हैं. मसलन मोदी जी बेहद मेहनती हैं, केवल 3-4 घंटें की नींद लेते हैं, वे किसी से लगाव नहीं रखते हैं. और कुछ ऐसे भी सवाल हैं जिनमें पूछा गया है कि अलादीन के जिन्न से क्या मांगेंगे, जुकाम होने पर क्या करते हैं, फैशनसेंस कैसा है, आम कैसे खाते हैं आदि आदि.
अक्षय को 'राष्ट्रवादी' फिल्मों का पोस्टर बॉय कहा जाने लगा है. उन्होंने अपनी ये छवि पिछले कुछ सालों में अपनी फिल्मों और अपने विज्ञापनों के जरिए गढ़ी है. बहरहाल, चर्चित इंटरव्यू के बाद सोशल मीडिया में अक्षय, तारीफ़ के साथ जबरदस्त आलोचना भी झेल रहे हैं. इंटरव्यू के बाद अक्षय को बेहद महत्वाकांक्षी और अभूतपूर्व स्तर पर अवसरवादी करार दिया जा रहा है. यह भी कहा जा रहा है कि अक्षय जिस तरह की फ़िल्में करते आ रहे हैं, और अब मोदी का इंटरव्यू, यह दर्शाता है कि अक्षय एक ख़ास सेंटिमेंट को अपनी इमेज और फिल्मों के लिए भुना रहे हैं.
देशभक्ति पर आधारित अक्षय की पिछली फिल्मों को दर्शकों ने हाथोंहाथ लिया है. वैसे अक्षय ने कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर भी फिल्म बनाई है. पर फिलहाल तो मोदी के इंटरव्यू को लेकर लोग सवाल कर ही रहे हैं और कह रहे हैं कि अक्षय कुमार, सत्ता के आगे बिछ गए हैं.