इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने संजय लीला भंसाली की फिल्म 'राम लीला' के प्रदर्शन पर उत्तर प्रदेश में तुरंत रोक लगाये जाने का आदेश दिया है.
लखनऊ बेंच में इस फिल्म के टाइटल 'राम लीला, गोलियों की रासलीला' पर आपत्ति जताते हुए 'श्री मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान रामलीला कमेटी, बहराइच' ने मंगलवार को याचिका दाखिल की थी. उसमें ये कहा था कि रामलीला शब्द भगवान राम के जीवन से जुड़ा हुआ शब्द है और भगवान राम के जीवन और मूल्यों को प्रदर्शित करता है, जबकि ये फिल्म हिंसा और अश्लील दृश्यों से भरी पड़ी है. याचिका के मुताबिक फिल्म में इस शब्द का इस्तेमाल हिंदुओं मे भगवान राम के जीवन को भ्रमित कर रहा है.
इसके अलावा रासलीला शब्द भी भगवान श्रीकृष्ण की जीवन लीला से जुड़ा है. लिहाजा, इस पर रोक लगनी चाहिए. इस याचिका पर आज सुनवाई करते हुए न्यायलय ने कहा कि फिल्म से रासलीला और राम लीला शब्दों को हटा दिया जाए. जब तक ऐसा नहीं होता यूपी में इसके प्रदर्शन पर रोक रहेगी. इसके साथ ही संजय लीला भंसाली को चार हफ्ते में न्यायलय के समक्ष शपथपत्र दाखिल करने को कहा है.
लखनऊ में याचिकाकर्ता के वकील राजीव कुमार त्रिपाठी ने कहा, 'याचिका मैंने प्रस्तुत की थी. श्री मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान रामलीला कमेटी 105 वर्षों से बहराइच जनपद में रामलीला में भगवान राम के जीवन के गुणों का प्रदर्शन करती आ रही है. संजय लीला भंसाली द्वारा 'गोलियों की रासलीला राम लीला' जो कहा गया है वो समाज में भ्रम पैदा करता है. इसलिए रोक लगनी चाहिए.'
न्यायलय ने याचियों कि बात मानते हुए तत्काल रोक लगाने का आदेश दिया है. कोर्ट ने संजय लीला भंसाली को शपथपत्र दाखिल करने के लिए चार हफ्ते का समय दिया है.