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बेमिसाल है ‘शहंशाह’ का याराना और दरियादिली

हिंदी सिनेमा की दिशा बदलने वाले महानायक अमिताभ बच्चन अपने दोस्तों और जानने वालों के बुरे वक्त को बदलने में भी हमेशा मददगार रहे. यही वजह है कि उनकी हमदर्दी और दरियादिली का हर कोई कायल है.

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अमिताभ बच्चन
अमिताभ बच्चन

हिंदी सिनेमा की दिशा बदलने वाले महानायक अमिताभ बच्चन अपने दोस्तों और जानने वालों के बुरे वक्त को बदलने में भी हमेशा मददगार रहे. यही वजह है कि उनकी हमदर्दी और दरियादिली का हर कोई कायल है.

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अमिताभ की तो हर अदा है निराली...

जिंदगी के 70 बसंत पूरे करने जा रहे बच्चन ने कामयाबी की बुलंदियों को छूने के बावजूद अपने पैर हमेशा जमीन पर रखे और कामयाबी की खुमारी को कभी खुद पर हावी नहीं होने दिया.

‘नमक हराम’, ‘कालिया’ और ‘खुद्दार’ जैसी फिल्मों में बच्चन के साथ काम कर चुके अभिनेता रजा मुराद सिनेमा के इस शहंशाह की इसी हमदर्दी और दरियादिली को शिद्दत से याद करते हैं.

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मुराद ने कहा, ‘अमिताभ इतने बड़े अभिनेता हैं, लेकिन अपने व्यवहार और बातचीत से उन्होंने हमेशा खुद को लोगों से जोड़े रखा. वह हमेशा अपने दोस्तों के बुरे वक्त में साथ नजर आते हैं.’

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उन्होंने कहा, ‘बच्चन की दरियादिली का एक वाकया मैं बयां करना चाहूंगा, हमारे यहां तुलसी नाम का एक जूनियर आर्टिस्ट था. लंबे समय बाद वह सेट पर दिखा तो बच्चन साहब ने उसकी खैरियत पूछी. उसने बताया कि उसे दिल की बीमारी हो गई है और अब काम नहीं कर सकता. बाद में पता चला कि बच्चन साहब ने तुलसी को एक मकान और दुकान खरीद कर दी.’

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बच्चन के याराने और उनकी दरियादिली की बातें कई बार सामने आ चुकी हैं. पिछले साल ‘कौन बनेगा करोड़पति’ के दौरान निर्देशक रोहित शेट्टी ने दर्शकों को बताया था कि मुश्किल वक्त में अमिताभ ने उनके परिवार का किस तरह से साथ दिया था.

इसी तरह बिंदास अदाकारा राखी सावंत ने ‘बिग बॉस’ कार्यक्रम के दौरान कहा था कि कई साल पहले उनका परिवार बुरे दौर से गुजर रहा था तो अमिताभ ने आर्थिक मदद की थी.

अमिताभ की पेशेवर जिंदगी की एक खूबी उनका वक्त का पाबंद होना भी है. मुराद कहते हैं, ‘अमिताभ एक बेहद पेशेवर अभिनेता हैं. वह वक्त के इतने पाबंद हैं कि अगर सुबह सात बजे सेट पर पहुंचना है तो ठीक सात बजे ही पहुंचते हैं. यह बात सभी नवोदित कलाकारों के लिए सीखने वाली है.’

पिछले चार दशक के दौरान 180 से अधिक फिल्मों में काम कर चुके बच्चन ने हाल ही में दिए साक्षात्कार में कहा कि वह क्षमता से अधिक काम नहीं कर रहे हैं.

वर्ष 1969 में ‘सात हिन्दुस्तानी’ फिल्म से शुरुआत के बाद अमिताभ ने अपने चार दशक पुराने करियर में ‘जंजीर’, ‘दीवार’, ‘मुकद्दर का सिकंदर’, ‘कभी कभी और ‘शोले’ जैसी कई हिट फिल्में दीं. उनकी इस साल की आखिरी रिलीज फिल्म ‘डिपार्टमेंट’ है.

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