बॉलीवुड के महानायक अमिताभ बच्चन ने कॉपीराइट एक्ट 1957 के नियम पर नाराजगी जाहिर की है. उन्होंने अपने ब्लॉग पर कॉपीराइट एक्ट के बारे में लिखते हुए इसे पूरी तरह से बकवास करार दिया है.
अमिताभ ने अपने ब्लॉग में लिखा, किसी भी रचानाकार का उसके साहित्य, ड्रामा और म्यूजिक पर सिर्फ 60 वर्ष नहीं बल्कि हमेशा के लिए हक होना चाहिए. ये असल में एक रचनाकार की विरासत होती है लेकिन 60 साल बाद ये आम जनता की हो जाएगी.
T 2749 - https://t.co/ezadTCY2dw .. my right of copyright of the right to be my Father's heir .. !! EVER pic.twitter.com/J5UoxDvizE
— Amitabh Bachchan (@SrBachchan) March 20, 2018
उन्होंने कहा कि बाबूजी (हरिश्वंशराय बच्चन) की कविताओं पर सिर्फ उनका हक है. उन्होंने कॉपीराइट एक्ट 1957 का विरोध करते हुए कहा कि वो इसके लिए जरूर लड़ेंगे. उन्होंने इसे पूरी तरह से बकवास करार दिया है. बिग बी ने लिखा कि ये नियम सिर्फ 60 सालों के लिए क्यों है? 61 साल के लिए क्यों नहीं? मेरी विरासत हमेशा मेरी ही रहेगी, इस पर किसी और का कभी हक नहीं होगा.
बिग बी ने अपने ब्लॉग में लिखा है अपने पिता के वंशज के तौर पर उनकी रचनाओं पर जो अधिकार उनके पास हैं वह उनके निधन के 60 साल बाद नहीं रह जाएंगे. अब इसे दुनिया के हवाले कर दिया जाएगा, लोग इसे खरोंच सकते हैं, खराब भी कर सकते हैं, नष्ट कर सकते हैं और व्यावसायिक हित के लिए इसका इस्तेमाल भी कर सकते हैं. इससे बुरा हो सकता है, लेकिन इस पर मेरा कॉपीराइट है.
इस फोटो को दिखाकर इंडस्ट्री में अमिताभ ने मांगा था काम, लेकिन...
अमिताभ बच्चन के पिता हरिवंशराय बच्चन ने कई सारी लोकप्रिय कविताएं रची हैं जिसे महानायक ने सहेजकर रखने के साथ कई बार मंच पर खुद पढ़कर सुनाया भी है. लेकिन अब खबरें हैं कि कॉपीराइट एक्ट 1957 के नियम के अनुसार अमिताभ के हाथ से उनके पिता की इन कविताओं का हक छिन सकती है. अपनी पिता की विरासत से अमिताभ का भावनात्मक लगाव जगजाहिर है, ऐसे में अपनी आवाज उठाते हुए बिग बी ने नाराजगी जाहिर की है.
कौन है हरिवंश राय बच्चन
हरिवंश राय बच्चन को 1976 में पद्मभूषण से सम्मानित किया गया था. उन्हें साहित्य अकादमी पुरस्कार, सोवियत लैंड नेहरू पुरस्कार, कमल पुरस्कार, सरस्वती सम्मान दिया जा चुका है. हरिवंश राय हालावाद के प्रवर्तक कवि हैं. छायावाद के बाद हिंदी में कविता की यह धारा नजर आई थी. इस धारा में मधुशाला हरिवंश राय की उल्लेखनीय कृति है. क्या भूलूं क्या याद करुं, नीड़ का निर्माण फिर, बसेरे से दूर, दशद्वार से सोपान तक हरिवंश राय बच्चन की आत्मकथा और संस्मरणों का संग्रह है.
मधुशाला के अलावा तेरा हार, मधुबाला, मधुकलश, निशा निमंत्रण और एकांत संगीत प्रमुख काव्य रचनाएं हैं. उन्होंने मैकबेथ, ओथेलो, हैमलेट, किंग लियर, उमर खय्याम की रुबाइयां, चौसठ रूसी कविताओं का अनुवाद किया है.
अमिताभ इन दिनों अपनी फिल्म ‘ठग्स ऑफ हिंदुस्तान’ को लेकर काफी बिजी चल रहे हैं. इसके अलावा वो ऋषि कपूर के साथ अपनी आनेवाली फिल्म ‘102 नॉट आउट’ के लिए भी शूट कर रहे हैं.