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अमिताभ बच्चन ने पिंक फिल्म को बताया क्रांतिकारी

उन्होंने कहा- फिल्म जिस मुद्दे को उठाती है, उसका प्रभाव आखिर तक रहता है. फिल्म के आखिर का संवाद 'ना मतलब ना' चर्चा के योग्य है

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किताब के लॉन्च के अवसर पर अमिताभ, फोटो- योगेन शाह
किताब के लॉन्च के अवसर पर अमिताभ, फोटो- योगेन शाह

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दिग्गज अभिनेता अमिताभ बच्चन का कहना है कि वह यह नहीं सोचते कि पहले का दौर वर्तमान दौर से ज्यादा अच्छा था, क्योंकि उन्हें लगता है कि हर दशक कुछ नया लेकर आता है.

अमिताभ ने 'वन्स अपॉन अ टाइम इन इंडिया-अ सेंचुरी ऑफ इंडियन सिनेमा' किताब के लॉन्च के अवसर पर कहा, 'मेरा कोई पसंदीदा दशक नहीं है. हर दशक अपने साथ कुछ नया लेकर आया है. हर दशक में हमारा परिचय कुछ नई यादों और कलाकारों के साथ हुआ है, इसलिए यह कहना कि वर्तमान दशक की तुलना में इससे पहले का दशक ज्यादा अच्छा था, ज्यादती होगी.'

वर्तमान दौर में जबकि कई यथार्थवादी फिल्में बन रही हैं, अमिताभ ने 'पीकू' और 'पिंक' को क्रांतिकारी फिल्में बताया. उन्होंने कहा कि पिता और बेटी के रिश्ते पर अधारित फिल्म 'पीकू' भारत में बेटियों की एक अलग पहचान दर्शाती है.

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वहीं, 'पिंक' में उठाए गए मुद्दे को उन्होंने बेहद सशक्त, महत्वपूर्ण व प्रासंगिक बताया. उन्होंने कहा, 'फिल्म जिस मुद्दे को उठाती है, उसका प्रभाव आखिर तक रहता है. फिल्म के आखिर का संवाद 'ना मतलब ना' चर्चा के योग्य है. लेखक ने बेहतरीन काम किया है.'

उन्होंने कहा, 'हमें अब भी बहुत दूर जाना है. हम अब भी देश में होने वाली कुछ घृणित घटनाओं के बारे में सुनते हैं, जिन पर सहसा यकीन नहीं होता. मैं प्रार्थना करता हूं कि यह सब रुके और उम्मीद जताता हूं कि 'पिंक' जैसी फिल्मों से लोगों की सोच बदलेगी.'

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