महानायक अमिताभ बच्चन ने कहा है कि उनकी ख्वाहिश है कि वे पर्दे पर अपने पिता डॉ. हरिवंश राय बच्चन की भूमिका को साकार करें.
एक श्रोता के सवाल के जवाब में अमिताभ बच्चन ने कहा कि यदि उन्हें मौका मिले, तो वे अपने पिता और हिन्दी में हालावाद के प्रवर्तक डॉ. हरिवंश राय बच्चन की भूमिका को पर्दे पर निभाना पसंद करेंगे. यह भूमिका बच्चन की आत्मकथा पर आधारित हो.
यह पूछे जाने पर कि वे किस फिल्म को सबसे बेहतरीन फिल्म मानते हैं, उन्होंने कहा कि दिलीप कुमार अभिनीत 'गंगा जमुना' को वे सबसे बेहतरीन फिल्म मानते हैं और दिलीप साहब के किरदार को पसंद करते हैं.
हालांकि अपनी पसंदीदा किताब और लेखक के बारे में पूछे गए सवाल को वे टाल गए और कहा कि वे हिन्दी और अंग्रेजी, दोनों भाषाओं की किताबें पढ़ते हैं. अमिताभ बच्चन गुरुवार को द पेंग्विन एनुएल लेक्चर 2013 में अपना संबोधन देने जब स्टेज पर आए, तब उनके हाथ में किताबें थीं. उनमें कई बुकमार्क लगे हुए थे. कविता की किताबों का प्रकाशन कम होने की बात को स्वीकार करते हुए अमिताभ बच्चन ने कहा कि किताबें व्यक्ति को शिक्षित करती हैं और इन्हें वही पढ़ सकता है, जो साक्षर होगा. लेकिन फिल्में गैर साक्षर व्यक्ति भी देख सकता है. किताबें व्यक्ति की सबसे अच्छी दोस्त होती हैं. अमिताभ ने कहा कि फिल्मों की कोई सीमा नहीं होती है और यह लोगों को एकजुट करती हैं. फीचर फिल्मों ने तमिल, उर्दू सहित कई भारतीय भाषाओं की कहानियों को अपनाया है.