बॉलीवुड के महानायक अमिताभ बच्चन ने खुलासा किया है कि देश भर में असामान्य सा समझा जाने वाला उनका उपनाम ‘बच्चन’ दरअसल उनकी दादी द्वारा परिवार को दी गई पहचान है.
बच्चन उपनाम का उपयोग केवल सामाजिक कार्य में
अमिताभ ने अपने ब्लॉग पर लिखा है कि अमिताभ नाम मध्य भारत में सामान्य तौर पर कहीं नहीं रखा जाता और उससे भी ज्यादा असामान्य हमारा उपनाम बच्चन समझा जाता है. उन्होंने लिखा है कि मेरे पिता बच्चन उपनाम का उपयोग किसी सामाजिक कार्य में करते थे. यह उनकी मां ने उन्हें दिया था जो उन्हें बहुत प्यार से ‘बच्चा’ कह कर पुकारतीं थीं.
‘बच्चा’ ने ‘बच्चन’ बने हरिवंश राय
अमिताभ ने लिखा है कि अब मैं भी अभि, श्वेता और ऐश्वर्या के लिए इसी संबोधन का उपयोग करता हूं. उन्होंने लिखा है कि जब पिताजी ने कविताएं लिखना शुरू किया तो दादी के ‘बच्चा’ ने ‘बच्चन’ का रूप ले लिया. इस तरह मेरे पिता की पहचान बच्चन उपनाम से होने लगी. औपचारिक तौर पर वे हरिवंश राय के नाम से जाने जाते थे, लेकिन कविताओं में उनका नाम हरिवंश राय बच्चन हो गया. अमिताभ ने आगे लिखा है कि मेरे पिता उत्तर प्रदेश के कायस्थ थे, लेकिन वे जाति प्रथा के धुरविरोधी थे, इसलिए श्रीवास्तव नहीं लिखते थे.
परिवार को दादी ने दिया 'बच्चन' नाम
अमिताभ ने लिखा है कि उनकी शादी के बाद कुछ औपचारिकताओं के कारण उन्हें कई स्थानों पर स्पष्टीकरण की जरूरत पड़ने लगी. शादी के बाद मेरी मां श्रीमती बच्चन कहलाने लगीं और जब मुझे स्कूल में दाखिला दिलाना था, तब किसी एक निर्धारित उपनाम की जरूरत पड़ी. उन्होंने लिखा है कि उस समय मेरे माता-पिता ने निश्चय किया कि वे अपने परिवार को दादी का दिया बच्चन नाम देंगे और इस तरह हम बच्चन हो गए. उन्होंने लिखा है कि जाति प्रथा में विश्वास न करने के कारण मेरे पिता ने किसी एक सोच के साथ परिवार को यह नाम नहीं दिया, बल्कि यह फैसला उनको बाध्य होकर लेना पड़ा.