हमेशा सीधी-सादी लड़की के किरदार में नजर आने वाली अमृता राव इस साल धमाकेदार फिल्मों के साथ आगाज कर रही हैं. अरशद वारसी के साथ उनकी फिल्म जॉली एलएलबी 15 मार्च को रिलीज हो रही है. उनसे उनकी फिल्म और करियर को लेकर इंडिया टुडे के एसोसिएट कॉपी एडिटर नरेंद्र सैनी से हुई बातचीत के प्रमुख अंशः
जॉली एलएलबी में आपका किरदार?
मैं एक प्राइमरी स्कूल टीचर बनी हूं. एकदम बिंदास लड़की जो सोचती है वही कहती है, स्ट्रांग हेडेड है. जिसका बॉयफ्रेंड वकील है. छोटे शहर की एक आम लड़की है.
यह रोल बाकी फिल्मों की लव स्टोरी से कैसे अलग है?
फिल्म का लव एंगल अलग किस्म का है. दोनों तू-तड़ाक में बात करते हैं और बिल्कुल दोस्तों जैसा रिलेशन है.
हमेशा सीधी-सादी लड़की की ही क्यों बनती हैं?
कोई खास वजह नहीं है. मेरी कोशिश अलग-अलग किस्म के रोल करने की रहती है. मेरा किरदार ऐसा रहता है जो हर भारतीय लड़की को छू सके.
ग्लैमरस रोल से डरती हैं क्या?
नहीं. लेकिन मैं हमेशा से अपने कंफर्ट लेवल में ही काम करती हूं. ग्लैमरस रोल करने में ऐतराज नहीं है. लेकिन मेरी कोशिश अपने दायरे में रहने की रहती है.
इन दिनों आइटम सांग और बोल्डनेस का दौर है, आप कहां हैं इसमें?
मैं हमेशा किसी को देखकर नहीं चलती. हर एक इंसान अलग है. आप ऑरेंज और ऐपल की तुलना नहीं कर सकते. ठीक है ऑरेंज के सीजन में लोग उसे ही ज्यादा खाएंगे लेकिन ऐपल का भी तो सीजन आएगा.
डायरेक्टर बोल्ड रोल ऑफर करते हैं?
हां, करते हैं. मैंने हमेशा जो रोल मुझे ऑफर किया गया उसे देखकर फिल्म चुनी है. जो रोल मुझे पसंद नहीं आया नहीं किया. लेकिन डायरेक्टरों की शुक्रगुजार हूं कि वे मेरे पास रोल लेकर आए.
कोई ऐसा रोल जो आप करना चाहेंगी?
मैं मर्डर मिस्ट्री या सस्पेंस थ्रिलर करना चाहती हूं. बिल्कुल माधुरी दीक्षित की 100 डेज जैसी सस्पेंस फिल्म. वैसे में 1950 के दशक की फिल्मों की शौकीन हूं और मधुबाला की फैन हूं.
इस साल आपका लाइनअप स्ट्रांग है?
सत्याग्रह मेरे लिए सपने के सच होने जैसा है. खास यह कि फिल्म में जो मेरा किरदार है, वह हमेशा अमिताभ बच्चन के साथ नजर आता है. ऐसा मौका बहुत कम मिलता है जब किसी ऐक्टर को बिग बी के साथ फ्रेम में रहने का इतना मौका मिले. मैं पहले सीन से लेकर आखिरी सीन तक उनके साथ हूं. अगर यह मेरे करियर की आखिरी फिल्म भी हो तो कोई रंज नहीं. सनी देओल के साथ सिंह साहेब द ग्रेट में भी हूं हालांकि मैं सनी के ऑपोजिट नहीं हूं.
खाली समय में क्या करती हैं?
पिछले साल दिसंबर से तो बिल्कुल भी खाली नहीं हूं. सत्याग्रह की 55 दिन की शूट है औऱ इस दौरान भोपाल में रहना है. बड़ी मुश्किल से 11 से 15 मार्च तक की छुट्टी मिली है, जॉली एलएलबी के लिए.