घर में AK-56 रखने के मामले में संजय दत्त को जेल भिजवाने में अहम रोल प्ले करने वाले पत्रकार बलजीत परमार ने संजय दत्त के जीवन पर बनी फिल्म संजू देखने से मना कर दिया है. उन्होंने इस फिल्म को पैसे कमाने का एक माध्यम करार दिया है.
फेसबुक पोस्ट करते हुए बलजीत ने लिखा कि ''किसी भी खास पुरुष या महिला पर बनी इस तरह की बायोपिक फिल्म लोगों को प्रेरित करने के उद्देश्य से नहीं बनती हैं. इनका मकसद उस शख्स की वास्तविक छवि को लोगों के दिमाग से धूमिल करना होता है.''
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''ड्रग्स का सेवन करना, महिलाओं के साथ सोना, सिस्टम और सोसाइटी को हमेशा दोषी ठहराना, जानबूझ कर खुद को गलत कामों में शरीक करना, अपनी पुरानी गलतियों पर पश्चाताप ना करना, जबरदस्ती की सहानभूति लेना और दिखावटी आसूं बहाना अगर यही ''संजू'' है तो मुझे फिल्म देखने के लिए ना जाने के अपने निर्णय पर कोई खेद नहीं है. ''
बता दें कि साल 1993 में मुंबई के एक अखबार में काम करने वाले बलजीत परमार ने संजय दत्त को लेकर एक खबर ब्रेक की थी. इसमें उन्होंने संजय दत्त पर AK- 56 जैसे खतरनाक हथियार रखने का आरोप लगाया था. इसी के पांच दिन बाद जब संजय दत्त विदेश से शूटिंग कर के लौटे तो उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया.
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इसके बाद संजय दत्त पर TADA एक्ट के तहत आरोप लगे थे. इसके अलावा आर्म्स एक्ट के तहत वो दोषी करार दिए गए थे और उन्हें 6 साल की सजा हुई थी. फिल्म निर्देशक राजकुमार हिरानी ने संजय दत्त के जीवन पर फिल्म बनाई जिसमें रणबीर कपूर ने संजू बाबा का किरदार प्ले किया. फिल्म को दर्शकों द्वारा काफी पसंद भी किया जा रहा है. हालांकि कुछ लोग इसका विरोध भी कर रहे हैं और इसे बायोपिक की श्रेणी में नहीं रख रहे हैं.