बॉलीवुड एक्टर बलराज साहनी को आज भी कई सारे एक्टर्स अपना आदर्श मानते हैं. वे 50-60 के दशक में इंडस्ट्री के सबसे दमदार एक्टर्स में से थे. जितना सम्मान उस समय उन्हें मिलता था वैसा ही आज भी मिलता है. यही नहीं वे इंडस्ट्री में एक समय सबसे ज्यादा पढ़े-लिखे एक्टर माने जाते थे. बलराज साहनी को लेकर कई सारे किस्से इंडस्ट्री में आज भी प्रचिलित हैं. लेफ्ट विचारधारा के समर्थक रहे बलराज साहनी को अपनी विचारधारा की वजह से जेल भी जाना पड़ा था.
दरअसल के. आसिफ, दिलीप कुमार के साथ हलचल नाम की एक फिल्म बना रहे थे. फिल्म में आसिफ ने बलराज को एक अहम रोल दिया था. वो फिल्म में जेलर बने थे. फिल्म में अपने रोल में पूरी तरह ढलने के लिए बलराज साहनी ने के. आसिफ के साथ जेल का दौरा किया और वहां के हालातों से वाकिफ होने की कोशिश की. मगर इत्तेफाक देखिए कि अपनी वामपंथी विचारधारा के कारण बलराज साहनी को जेल जाना पड़ गया.
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एक रोज परेल से कम्युनिस्ट पार्टी का जुलूस निकलने वाला था. लेफ्ट विचारधारा के समर्थक बलराज अपनी पत्नी के साथ उस जुलूस में शामिल हुए लेकिन इसी बीच हिंसा शुरू हो गई. रैली में मौजूद तमाम लोगों के साथ बलराज साहनी को गिरफ्तार कर लिया गया. एक दिन जेलर ने बलराज साहनी को बुलाया और उन्हें पहचान लिया. उस वक्त वहां हकीकत फिल्म के निर्माता के. आसिफ भी बैठे थे.
के आसिफ की वजह से मिला फिल्म करने का मौका
के. आसिफ के कहने पर जेलर ने बलराज साहनी को जेल में रहकर शूटिंग करने की छूट दे दी. उन्हें सुबह हाथ में हथकड़ी बांध शूटिंग के लिए जेल से सेट पर लाया जाता. वे जेलर का रोल प्ले करते और शाम को वापस कैदी बनकर जेल लौट जाते. करीब 3 महीने तक ये सिलसिला चलता रहा. शायद ये फिल्म इंडस्ट्री का एकलौता ऐसा वाकया होगा जहां एक्टर जेल में कैद है. उसे जेल से बाहर शूटिंग सेट पर लाया जाता है और वो जेलर का रोल प्ले करता है. शूटिंग खत्म होते ही वो वापस जेल चला जाता.