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सोनचिड़िया: डाकू के किरदार के लिए भूमि पेडनेकर ने क्या क्या किया? बताया

अभिषेक चौबे के निर्देशन में बनी सोनचिड़िया चंबल के डाकुओं पर आधारित है. इसमें भूमि पेडनेकर महिला डकैत की भूमिका है. उन्होंने बताया किरदार की तैयारी के लिए सिर पर पांच लीटर पानी रखकर रोज चार किलोमीटर पैदल चलती थी.

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भूमि पेडनेकर
भूमि पेडनेकर

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भूमि पेडनेकर अपने हर एक किरदार से दर्शकों का दिल जीत लेती हैं. हर फिल्म में उनका कैरेक्टर चर्चा का विषय बन जाता है. इस बार वह महिला डाकू के कैरेक्टर में दर्शकों को चौंकाने वाली हैं. सोनचिड़िया में अपने किरदार को लेकर भूमि ने कई बड़े खुलासे किए. भूमि ने बताया कि फिल्म के किरदार के लिए उन्होंने दो महीने की ट्रेनिंग ली है. इस दौरान उन्होंने फिल्म में अपने अपीयरेंस पर भी फोकस किया है. इसके अलावा उन्होंने चम्बल की लोकल बोली पर भी खासा काम किया है.

भूमि पेडनेकर ने बॉलीवुड लाइफ को बताया, "डायरेक्टर अभिषेक चौबे मुझसे पहली मीटिंग में बोले कि इस फिल्म के लिए आपको शारीरिक और मानसिक तौर पर तैयार होना पड़ेगा. आपको चंबल की महिलाओं की तरह मजबूत दिखना होगा और लाइफ स्टाइल अपनाना होगा. इस फिल्म में खूब सारा एक्शन है और शूटिंग के दौरान भागदौड़ भी खूब करनी पड़ेगी."

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भूमि ने बताया कि चंबल में इस्तेमाल होेने वाली बुंदेलखंडी बोली की ट्रेनिंग भी स्टारकास्ट को दी गई है.

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Samajdar ko ishara hi kaafi hai. Toh kaunsa package book karna hai? #AakeTohDikhao @sushantsinghrajput @bajpayee.manoj @ranvirshorey #AshutoshRana #AbhishekChaubey #RonnieScrewvala @zeemusiccompany @rsvpmovies #Sonchiriya #1stMarch

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इसके अलावा डायरेक्टर ने भूमि को चंबल की महिलाओं के रहन-सहन को लेकर भी पहले से अवेयर कर दिया था. अभिषेक ने कहा कि चंबल की महिलाएं फील्ड में रोजाना काम करने के साथ पानी लेने के लिए मीलों मील चलती हैं.

भूमि ने बताया कि यही से उनकी ट्रेनिंग शुरू हो गई. उन्होंने कहा- ''किरदार में घुसने के लिए मैं आराम नगर में सिर पर पानी रखकर रोजाना चार किमी चलती थी. इसके अलावा पीठ पर गेहूं की 10 किलो की बोरी रखकर चलती थी. वहीं, रोजाना चक्की पर गेहूं पीसती थी.'' यह ट्रेनिंग लगभग डेढ़ महीने  चली.

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