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करिश्मा तन्ना का चड्ढी वाला ऐड और भारत देश पर कुछ प्रवचन

भारत में जरूरी चीजों पर बात करना बुरा माना जाता है. हम सबसे ज्यादा अश्लीलता की सार्वजनिक मुखालफत करते हैं और सबसे ज्यादा तेजी से जनसंख्या बढ़ा रहे हैं. कंडोम की बात करना बुरी बात है और इमरजेंसी कॉन्ट्रेसैप्टिव पिल्स की ओवर द काउंटर सेल लगातार बढ़ रही है.

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करिश्मा तन्ना
करिश्मा तन्ना

भारत में जरूरी चीजों पर बात करना बुरा माना जाता है. हम सबसे ज्यादा अश्लीलता की सार्वजनिक मुखालफत करते हैं और सबसे ज्यादा तेजी से जनसंख्या बढ़ा रहे हैं. कंडोम की बात करना बुरी बात है और इमरजेंसी कॉन्ट्रेसैप्टिव पिल्स की ओवर द काउंटर सेल लगातार बढ़ रही है.

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ऐसा ही एक टैबू है चड्ढी-बनियान, ब्रा-पैंटी, कंडोम-नैपकिन जैसी चीजों का ऐड करना. यू नो, बुरा माना जाता है. आपको ध्यान है फिल्म ताल का वो सीन. जब अनिल कपूर के ट्रूप की सिंगर डांसर ऐश्वर्या राय के लिए अक्षय खन्ना के परिवार के लोग ब्रा का ऐड करने का प्रस्ताव लाते हैं. अनिल इस पर आग बबूला हो जाते हैं. या फिर फिल्म फैशन का वह सीन, जिसमें प्रियंका चोपड़ा के बतौर मॉडल स्ट्रगल के दिनों में खींचे गए अंडर गारमेंट्स के फोटो वायरल हो जाते हैं. और इससे उनकी प्रतिष्ठा को धक्का लगता है.

क्या लगता है लोगों को. बड़े लोग, सुंदर लोग, महान लोग क्या चड्ढी बनियान नहीं पहनते हैं. या फिर यह कि इनका ऐड करने वाले सब लोग बुरे चरित्र के होते हैं. इस वक्त याद आ रही है एक कवि की वह फिरकी. जिसमें वह कहते हैं कि मुझे समझ नहीं आता ये सुंदर औरतें संडास में करती क्या होंगी.

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मगर वक्त बदल रहा है. अब इन जरूरी चीजों पर बात करना बौड़मपना नहीं रहा. देखिए हमारे हंक रणवीर सिंह को. बांके छोरे ने खुलकर कंडोम का ऐड किया. इसी बिंदासपने की जरूरत है. आज सुबह ही यूरोप से जुड़ी एक खबर पढ़ रहा था. जहां बेसहारा महिलाओं ने सरकार से सबसे पहले उन्हें निशुल्क सैनिटरी नैपकिन दिलवाने की फरियाद की. सवाल जरूरत का है. हाईजीन का है. और जवाब, इन चीजों के बारे में सहज होने का है. हम कब तक उन दिनों की बात कर चीजों को ढांपते रहेंगे. आपने धैर्य से यह प्रलाप सुना, इसके लिए शुक्रिया. अब देखें, पढ़ें वह बात, जिसके चलते आप क्लिक कर यहां तक आए.

ये वीडियो है बिग बॉस के जरिए सुर्खियां बटोर रही एक्ट्रेस, मॉडल करिश्मा तन्ना का. इसमें वह चड्ढी के एक ऐड में नजर आ रही हैं. चड्ढी बेचना या पुरुषों की चड्ढी के ऐड में सहायक के तौर पर नजर आना बुरी बात नहीं. मगर दिक्कत इसके कंटेंट से है. नायिका कमरे में आती है. नायक नहाकर निकला है. नायिका उसकी चड्ढी का ब्रैंड देखती है. और फिर कामातुर हो कहती है. आज दफ्तर मत जाओ न. और अगले सीन में दोनों बिस्तर पर.

इस तरह के बेहूदे ऐड ही गंध फैलाते हैं. अरे भइया, पुरुषों की चड्ढी है. अच्छे फैब्रिक के बारे में बात करो. इलास्टिक के बारे में बात करो. कवरेज और सपोर्ट के बारे में बात करो. ये क्या कि अमुक कच्छा पहना और बन गए कामदेव.
देखें करिश्मा तन्ना का चड्ढी वाला ऐड

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