इन दनों डिंपी और गौतम के बीच बन नहीं रही है और दोनों ही एक-दूसरे से कुछ कटे-कटे रहते हैं जबकि डिंपी गौतम को रूड मानती हैं. गौतम कहते हैं कि उन्हे निजी तौर पर उनसे कोई लेना देना नहीं है. गौतम उनसे कहेंगे कि वे सामान्य होकर बात क्यों नहीं कर सकती हैं. डिंपी उनसे पूछेंगी कि उनका क्या मतलब है?
गौतम कहेंगे कि जब वे घर में आईं थीं तो उन्हें लगा कि वे एडवोकेट की बेटी हैं तो वे झगड़ों या बहस में नहीं पड़ेंगी. लेकिन अब उन्हें लगता है कि वे गलत थे और वे तो छोटी-छोटी बातों का बतंगड़ बना देती हैं.
यह बात सुनकर डिंपी बिफर जाएंगी और कहेंगे उन्हें उनके पिता के नाम को बीच में लाने की जरूरत नहीं है. वे कहेंगी कि क्या वे अपने पिता के लिए निराशा का सबब हैं तो इस पर गौतम कहेंगे कि नहीं उनका यह कहना नहीं है.
इसके बाद डिंपी गार्डन एरिया से घर में आ जाएंगी और फूट-फूट कर रोने लगेंगी. गौतम यह देखकर स्तब्ध रह जाएंगे. तो क्या डिंपी ने वह गेम शुरू कर दिया है , जिसमें उन्हें महारत हासिल है?