तीस घंटे तक चले टॉर्चर केज टास्क के बाद गौतम के सब्र का बांध टूट गया और वे स्विच छोड़कर चले गए. अली ने गौतम को उकसाने का काम किया. उसने अभद्र भाषा का इस्तेमाल किया और कई गलत बातें भी कहीं. गौतम वहां से सीधे वॉशरूम में चले गए और फूट-फूट कर रोने लगे. वे हर किसी पर आरोप लगा रहे थे कि जब अली उन्हें उकसाने का काम कर रहा था, किसी ने भी उनका साथ नहीं दिया.
प्रीतम को बुरा लगता है और वे कहेंगे कि मैंने अली से कहा था कि वह इस तरह का डर्टी गेम न खेले. गौतम संभावना और राहुल पर भी निशाना साधेंगे और कहेंगे कि वे खुद को दोस्त कहते हैं लेकिन उन्होंने उसके लिए कुछ नहीं किया. वे कहेंगे कि बेशक हमने सपोर्ट नहीं किया लेकिन वे इस बात के गवाह हैं और उन्होंने अली को ऐसा न करने के लिए कहा था.
महक गौतम को शांत करेंगी. लेकिन गौतम इस पूरे प्रकरण से आहत हैं. अली कहेंगे कि उन्हें इस बात का कतई पश्चाताप नहीं है और वह टास्क की खातिर यह सब कर रहे थे. इस टास्क के सुपरवाइजर उपेन कहेंगे कि अली ने जो कुछ भी किया वह टास्क के लिए था. उसने कुछ गलत नहीं किया था.