इंडिया टुडे कॉन्क्लेव ईस्ट 2018 के दूसरे दिन प्रीति जिंटा ने शिरकत की. उन्होंने इस दौरान अपने आईपीएल टूर्नामेंट से जुड़ने की कहानी बताई. प्रीति आईपीएल टीम किंग्स इलेवन पंजाब की ओनर हैं.
प्रीति ने बताया कि वह कुछ ऐसा करना चाहती थीं, जो उनके दिल में था. इसी समय ब्रेवरी अवाॅर्ड के दौरान उनकी मुलाकात ललित मोदी से हुई. प्रीति ने ललित मोदी से कहा कि वे स्पोर्ट्स स्कूल खोलना चाहती हैं. लेकिन पता चला कि स्पोर्ट्स स्कूल के लिए एक हजार करोड़ रुपये की जरूरत होगी. फिर उस वक्त आईपीएल की बिडिंग शुरू हुई और ललित मोदी ने आईपीएल में शामिल होने के लिए प्रीति से कहा. हालांकि, उनके दोस्त और परिवार इसके लिए मना कर रहे थे.
प्रीति ने बताया कि इसी समय देश का शेयर बाजार क्रैश हुआ था और बहुत से खरबपति अरबपति बन चुके थे. लेकिन ललित ने उनके लिए गेमचेंजर का काम किया. वह अकेले आईपीएल चला रहे थे और प्रीति ने उन पर भरोसा करते हुए आईपीएल में एंट्री की.
क्रिकेट में सट्टेबाजी हो लीगल
प्रीति ने कहा कि उनका मानना है कि सट्टेबाज को लीगल कर देना चाहिए. इसके पीछे प्रीति ने अपना लॉजिक भी दिया. प्रीति का कहना है कि सट्टेबाजी से सरकार को रेव्यू प्राप्त हो सकता है. बीसीसीआई भी इसे लीगल किए जाने का सुझाव दे चुका है. देखिए आप हर एक व्यक्ति का लाई डिटेक्टर टेस्ट नहीं कर सकते. लोगों के अंदर पकड़े जाना का डर होता है. यदि आप कमीने होगे तो होंगे, मेरे कहने से ये बदल नहीं जाता."
बाहर होना चाहती थी 'क्या कहना' से
प्रीति जिंटा बताया कि उनकी पहली फिल्म क्या कहना का अनुभव कैसा रहा. प्रीति जिंटा ने कहा कि वे फिल्म से परेशान होकर विदेश में वापस आना चाहती थीं, जहां इसकी शूटिंग हो रही थीं. इसके बाद निर्देशक कुंदन शाह उन पर काफी चिल्लाए और उन्हें रोकने के लिए उन्होंने गेट बंद कर लिए.