अमिताभ बच्चन, शबाना आज़मी और शेखर कपूर जैसी बॉलीवुड की मशहूर हस्तियों ने दिल्ली में हुए सामूहिक बलात्कार की पीड़िता के निधन पर शोक और गुस्सा जताते हुए इसे देश के लिए एक शर्मनाक दिन बताया है. पीड़िता की मौत सिंगापुर के माउंट एलिजाबेथ अस्पताल में हुई.
अमिताभ बच्चन ने ट्वीटर पर लिखा, ‘अमानत’ और ‘दामिनी’ अब बस एक नाम बनकर रह गए. वह शारीरिक रूप से हमारे बीच नहीं रही लेकिन उसकी आत्मा हमेशा हमारे दिलों में मौजूद रहेगी.’
अभिषेक बच्चन ने कहा, ‘मुझे हमेशा से एक भारतीय होने का गर्व रहा है. आज हम सभी को शर्मिंदा होना चाहिए. क्या एक देश को जगाने के लिए हमेशा किसी निर्दोष की मौत जरूरी है? यह वह देश नहीं है, जिसमें मैं बड़ा हुआ हूं. मैं नहीं चाहता कि मेरी बेटी बड़ी होने पर देश के इस रूप को देखे.’
गायिका लता मंगेश्कर ने कहा, ‘बहुत हो चुका. यह निर्भय दामिनी की मौत नहीं है बल्कि यह हमारे देश में मानवता की मौत है. अब सरकार को गहरी नींद से जागना चाहिए और इस बर्बर अपराध के दोषियों को सजा देनी चाहिए.’
इस मुद्दे पर मुखर रहीं प्रसिद्ध अभिनेत्री शबाना आज़मी ने ट्वीट किया, ‘और वह सिंगापुर में चल बसी. ईश्वर उसकी आत्मा को शांति दे. हमारी नपुंसकता हमारा मुंह चिढ़ा रही है. काश वह हमारे देश को जगाने का एक माध्यम बन सके.’ उन्होंने कहा, ‘किसी सभ्य समाज के लिए महिलाओं की सुरक्षा पूर्वशर्त है. हम देवियों की तरह पूजे जाने की अपेक्षा नहीं रखते लेकिन हम समानता और आदर की मांग करते हैं. यह वक्त चिंतन और विश्लेषण का है, अपना दिल टटोलने का है कि किस तरह हर वो धड़ा दंड का भागी है, जिसने ऐसी मानसिकता को बनाया कि पुरुष महिलाओं को अपनी संपत्ति मानकर चलता है.’
फिल्मकार शेखर कपूर ने कहा, ‘हम अगर उसे भूल जाएंगे तो उसके साथ यह सबसे बड़ा विश्वासघात होगा. राजनैतिक व्यवस्था की सबसे बड़ी उम्मीद यही है कि ‘लोग भूल जाएंगे’. हमारा असली उद्धार इसी में है कि हम इसे भूलें नहीं.’
अपना क्रोध जाहिर करते हुए महेश भट्ट ने कहा, ‘उन सभी मंदिरों को बंद कर दो जहां तुम ईश्वर के नारी रूप की पूजा का ढोंग करते हो. भारत तुम रोओ. तुम्हारे हाथ अपनी ही बेटियों के खून से लथपथ हैं. या तो बोलो या फिर हमेशा के लिए चुप हो जाओ.’
फिल्मकार अनुराग कश्यप ने कहा, ‘मैं शर्मिंदा हूं..दुखी हूं और क्रोधित भी.’ अनुपम खेर ने ट्वीट किया, ‘यह मौत मानवीय गरिमा की मौत है, एक भारतीय होने की मौत है, मासूमियत की मौत है और यह एक पूरी व्यवस्था की भी मौत है. भारत का दिल आज टूट गया. ईश्वर उसकी आत्मा को शांति दे. यह वक्त मेट्रो, इंडिया गेट या भारत को बंद करने का नहीं है. यह वक्त लोगों से माफी मांगने का है कि आपने उन्हें इतना दबाया.’
अजय देवगन ने कहा, ‘एक क्रांति की शुरुआत करने के लिए किसी का बलिदान क्यों जरूरी होता है? मैं आशा करता हूं कि उसका बलिदान व्यर्थ न जाए.’
फरहान अख्तर ने लिखा, ‘मैं स्तब्ध हूं. सभी राजनैतिक दल अपने उन सदस्यों के खिलाफ कदम उठाना नहीं चाहतीं जिन्होंने महिलाओं के खिलाफ अभद्र टिप्पणियां करके उन्हें बेइज्जत किया है. सवाल यह है कि जब वे अपना ही घर साफ नहीं रख सकते तो हम उनसे समाज को साफ सुथरा रखने की अपेक्षा कैसे रख सकते हैं?’
अभिनेता बोमन ईरानी ने पोस्ट किया, ‘वह एक क्रांति के सैनिक की तरह थी. अगर उसे भुला दिया गया तो हमारे लिए उस दोषी से ज्यादा शर्मनाक स्थिति होगी.’
अक्षय कुमार ने टवीट किया, ‘हमारी योद्धा जिंदगी की जंग हार गई. उसका एकमात्र दोष यह था कि वह राजधानी की सड़कों पर सुरक्षित होने की उम्मीद में रात को घर से निकली थी. जिस दिन एक महिला रात में सड़कों पर स्वतंत्र रूप से निकल सकेगी, भारत को असली आजादी तभी मिलेगी. लोकतंत्र की आत्मा को ईश्वर शांति दे.’
करण जौहर ने कहा, ‘एक कमजोर और लकवाग्रस्त देश में लड़ने वाली उस बहादुर लड़की की आत्मा को ईश्वर शांति दे. हम सभी शर्मसार हैं.’