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बॉलीवुड फिल्में, जिन्होंने बदल डाली हिरोइनों की इमेज...

इक्कीसवीं सदी का सिनेमा बिल्कुल नया है. अब फिल्में सिर्फ हीरो के दम पर नहीं चलतीं. 'वुमन एम्पॉवर्मेंट' या नारी सशक्तीकरण आज सिर्फ हमारे घर, गली, मोहल्ले का टॉपिक नहीं है.

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इक्कीसवीं सदी का सिनेमा बिल्कुल नया है. अब फिल्में सिर्फ हीरो के दम पर नहीं चलतीं. 'वुमन एम्पॉवर्मेंट' या नारी सशक्ति‍करण आज सिर्फ हमारे घर, गली-मोहल्ले का टॉपिक नहीं है. बॉलीवुड में आजकल कई ऐसी फिल्में बन रही हैं, जिन्होंने हीरोइनों को एक नई पहचान दी है.

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पिछले कुछ समय में हिंदी सिनेमा जगत में कई फिल्में आई जिन्होंने तमाम एक्ट्रेस की इमेज ही बदल कर रख दी. पेश हैं ऐसी कुछ खास इमेज-चेंजिंग फिल्में.

क्वीन: कंगना रनोट ने बॉलीवुड में एंट्री मारी साल 2006 में फिल्म 'गैंगस्टर' से. इसके लिए उन्हें बेस्ट फीमेल डेब्यू का फिल्मफेयर अवॉर्ड भी मिला. उसके बाद साल 2008 में फिल्म 'फैशन' के लिए उन्हें बेस्ट एक्ट्रेस इन सपोर्टिंग रोल का नेशनल अवॉर्ड भी मिला. लेकिन कंगना की लाइफ चेंजिंग टर्न रहा वो समय जब उन्होंने फिल्म क्वीन साइन की. 'राज', 'वन्स अपॉन ए टाइम इन मुंबई', 'लाइफ इन ए मेट्रो' और 'तनु वेड्स मनु' के बाद साल 2014 में फिल्म 'क्वीन' से कंगना रातों रात सुपरस्टार बन गईं. इस पिक्चर का ही कमाल रहा जो कंगना की गिनती इंडस्ट्री की टॉप एक्ट्रेस में होने लगी. अच्छी खबर यह रही की 12.5 करोड़ रुपये के बजट में बनी इस फिल्म ने बॉक्स ऑफिस पर लगभग 97 करोड़ का बिजनेस किया. 2014 की इस सुपरहिट इंडियन कॉमेडी ड्रामा फिल्म ने कंगना के साथ-साथ डायरेक्टर विकास बहेल और प्रोड्यूसर अनुराग कश्यप और विक्रमादित्य मोटवानी की भी चांदी करवा दी.

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बर्फी: प्रियंका चोपड़ा लंबे अरसे से बॉलीवुड की ए क्लास हिरोइनों में गिनी जाती हैं. लेकिन अपने ग्लैमर लुक और कम्फर्ट जोन से बाहर आकर उन्होंने फिल्म 'बर्फी' में अपने अभिनय से सबको चौंका दिया. अनुराग बासु द्वारा निर्देशित इस फिल्म में उन्होंने अपने सह कलाकारों (रणबीर कपूर और इलियाना) को बराबर की टक्कर दी. साल 2012 की इस फिल्म को बनाने में लागत थी करीब 40 करोड़ रुपये. लेकिन उसके बदले बॉक्स ऑफिस पर इसने करीब 175 करोड़ रुपये का बिजनेस किया. एक रेटार्डेड लड़की के रोल में प्रियंका बेस्ट एक्ट्रेस का फिल्मफेयर अवॉर्ड भी जीत गईं. उनकी इमेज इस कदर बदली कि इसके बाद उन्हें 'मैरी कॉम' के जबरदस्त रोल के लिए भी साइन किया गया.

कहानी: कोलकाता में फिल्माई गई इस अनोखी कहानी में लीड किरदार के साथ अगर कोई इंसाफ कर सकता था तो वो सिर्फ विद्या थीं. बिना हीरो के पूरी पिक्चर अपने दम पर खींचना और उस पर सुपरहिट का टैग भी लगवाना कोई आम बात नहीं है. डायरेक्टर सुजॉय घोष की इस पिक्चर की लागत इंडियन करेंसी में करीब 80 मिलियन थी, जबकि विद्या के नाम से यह बॉक्स ऑफिस पर करीब 1.04 बिलियन का बिजनेस करके गई. इस मिस्ट्री थ्रिलर फिल्म ने पुरुष प्रधान समाज के सभी भ्रम तोड़ दिए. विद्या की स्किल्स के नमूने हम 'द डर्टी पिक्चर' या 'बॉबी जासूस' में भी देख चुके हैं. एक अकेली महिला पूरे सिस्टम और समाज के सामने डटकर खड़ी हो सकती है, यह विद्या ने बखूबी इस फिल्म में दर्शाया.

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मिस्टर एंड मिसेज अय्यर: फिल्मों में मजबूत किरदार निभाने वाली हीरोइनों में कोंकोना सेन शर्मा का भी नाम है. इस लिस्ट में वो साल 2002 में ही अपनी जगह बना चुकी थीं. फिल्म थी कोंकोना की मां अपर्णा सेन द्वारा निर्देशित 'मिस्टर एंड मिसेज अय्यर'. हांलांकि बॉक्स ऑफिस पर इस फिल्म ने महज 1.4 करोड़ रुपये का ही बिजनेस किया, लेकिन एक तमिल अय्यर ब्राह्मण और एक बंगाली मुस्लिम की लव स्टोरी में कोंकोना ने चार चांद लगा दिए. फिल्म इतनी चर्चित रही कि इसका प्रीमियर स्विट्जरलैंड के लोकार्नो इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल में हुआ. कई नेशनल और इंटरनेशनल अवॉर्ड्स जीतने वाली इस फिल्म ने कोंकोना के कैरियर का ग्राफ काफी ऊंचा उठा दिया.

एनएच 10: अनुष्का शर्मा बॉलीवुड में अपने छोटे से करियर में तमाम बड़े बड़े सुपरस्टार्स के साथ काम कर चुकी हैं. अपने अभिनय का लोहा मनवाने में भी उन्होंने कोई कसार नहीं छोड़ी, लेकिन अकेले अपने दम पर वो पिक्चर खींच सकती हैं इस बात पर 2015 से पहले शक था. साल 2015 की शुरुआत में ही नवदीप सिंह की डायरेक्ट की हुई फिल्म 'एनएच10' से उन्होंने भी साबित कर दिया कि पिक्चर हिट करवाने के लिए उन्हें किसी हीरो की जरूरत नहीं हैं. 130 मिलियन की लागत वाली फिल्म अगर बॉक्स ऑफिस पर 321 मिलियन का बिजनेस कर जाए तो लीड एक्टर तो तारीफ के काबिल माना ही जाएगा, जो कि अनुष्का अकेली थीं. इस इंडियन क्राइम थ्रिलर फिल्म ने अनुष्का की तो इमेज चेंज की ही, साथ ही समाज की लड़कियों को एक मेसेज भी दिया कि उनके अकेले होने का यह मतलब कतई नहीं कि वो कमजोर हैं.

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गोलियों की रासलीला - रामलीला: अनुष्का शर्मा की ही तरह दीपिका पादुकोण ने भी अपने करियर की शुरुआत किंग खान के साथ की और बहुत कम समय में ही वो भी अनेकों सुपरस्टार्स के साथ फिल्में कर चुकी हैं. लेकिन उनकी दमदार एक्टिंग पर तालियों-सीटियों की बौछार हो जाए, यह करिश्मा रामलीला में देखने को मिला. गुजराती लहजे में दीपिका ने यहां रोमांस भी किया और साथ ही एक गैंगलीडर के रोल के साथ भी पूरा इंसाफ किया. संजय लीला भंसाली की इस फिल्म ने बॉक्स ऑफिस पर 202 करोड़ रुपये का आंकड़ा भी पार कर लिया. बंदूक चलाती दीपिका का एक अलग ही रूप प्रस्तुत किया.

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