बीते युग के फैशन में फिल्मकारों का यकीन कहें या रोमांटिक रेट्रो लुक के प्रति फिल्मकारों का लगाव, आने वाली फिल्मों 'लुटेरा', 'गुंडे', 'बॉम्बे वेल्वेट' और 'वंस अपॉन ए टाइम इन मुंबई दोबारा' में फिल्मकारों ने बीते जमाने के फैशन को फिर से अपनाया है.
पुराने जमाने के फैशन ने एक बार फिर बॉलीवुड का ध्यान अपनी ओर खींचा है. डिजायनरों का कहना है कि भारतीय सिनेमा इस वर्ष पूरे 100 साल का हो गया. लेकिन आज की फिल्मों में पुराने समय के फैशन को अपनाने और दर्शाने के लिए शोध और सही स्टाइल के सही सम्मिश्रण की आवश्यकता है.
डिजायनर प्रिया कटारिया पुरी ने कहा कि 30 के दशक से लेकर 60 के दशक तक और यहां तक की 80 के दशक की फिल्मों में रेट्रो लुक छाया रहा. पुरी ने 1973 की हिट फिल्म 'जंजीर' के रीमेक में अभिनेत्री प्रियंका चोपड़ा को रेट्रो रूप दिया है.
पुरी ने बताया, 'यदि आपको किसी फिल्म में अभिनेत्री को पुराने फैशन के अनुसार तैयार करना है, उदाहरण के तौर पर यदि 60 के दशक के अनुसार किसी अभिनेत्री को सजाना है तो आप उस दौर की अभिनेत्रियों के साड़ी पहनने, आईलाइनर और काजल लगाने या जूड़ा बांधने के तरीके पर थोड़ा अध्ययन कर लीजिए. इससे आपका काम आसान हो जाता है.'
अन्य उदाहरणों के तौर पर अभिनेत्रियों के बेलबॉटम पैंट, चुस्त कुर्ती, साधना कट बाल, चौड़े हेयरबैंड, काजल लगाने का तरीका और बड़े-बड़े चश्मे लिए जा सकते हैं.
इससे पहले भी कई फिल्में प्रदर्शित हो चुकीं हैं जिनमें अभिनेत्रियों ने पुराने जमाने की नायिकाओं वाला फैशन अपनाया है. ऐश्वर्या राय ने फिल्म 'एक्शन रीप्ले' में, दीपिका पादुकोण ने 'ओम शांति ओम' में, कंगरा रनौत और प्राची देसाई ने 'वंस अपॉन ए टाइम इन मुंबई' में और विद्या बालन ने 'द डर्टी पिक्चर' में पुराने जमाने का रेट्रो फैशन अपनाया है.
अंग्रेजी की कहावत 'ओल्ड इज गोल्ड' बॉलीवुड में बिल्कुल सही बैठती है.