अभिनेता सलमान खान के हिट एंड रन केस में 13 साल बाद गुरुवार को बॉम्बे हाईकोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है. कोर्ट ने सलमान खान को सभी आरोपों से बरी कर दिया. मामले में दलीलें सुनने के बाद कोर्ट ने फैसला लिखते वक्त कहा कि जो सबूत पेश किए गए हैं वो पर्याप्त नहीं है. उन सबूतों के आधार पर सलमान खान को दोषी नहीं करार दिया जा सकता. सलमान ने ट्वीट करके अपने परिवार, दोस्तों और फैंस का शुक्रिया अदा किया और कहा कि वे न्यायपालिका के फैसले का सम्मान करते हैं.
I accept the decision of the judiciary with humility. I thank my family, friends & fans for their support & prayers .
— Salman Khan (@BeingSalmanKhan) December 10, 2015
देखिए, सलमान खान की अनदेखी तस्वीरें
कोर्ट ने मामले की सुनवाई करते हुए सलमान के वकील की उस दलील नहीं माना जिसमें कहा गया था कि नूरुल्ला की मौत क्रेन से कार उठाते समय हुई थी. कोर्ट ने कहा कि नूरुल्ला की मौत सड़क हादसे में हुई थी. कोर्ट ने कहा कि सलमान को 25 हजार रुपये का बॉन्ड भरना होगा.
मामले की सुनवाई करते हुए जस्टिस एआर जोशी ने कहा कि मामले की सुनवाई गलत तरीके से की गई है. उन्होंने यह भी कहा कि सेशन कोर्ट में मामले की सुनवाई में लचर रवैया रहा और अभियोजन पक्ष आरोपों को सही ढंग से साबित करने में नाकाम रहा. इसके पहले बुधवार को कोर्ट ने मामले की सुनवाई के दौरान कहा था कि कॉन्स्टेबल रवींद्र पाटिल के बयान पर भरोसा नहीं किया जा सकता. कोर्ट ने फैसला सुनाते वक्त सलमान खान को कोर्ट में मौजूद रहने का आदेश दिया था, जिस पर अमल करते हुए सलमान खान करीब डेढ़ बजे पेशी के लिए घर से निकले. कोर्ट ने सलमान की मौजूदगी में ही फैसला सुनाया.
जांच में गलत पाया गया था पाटिल का बयान
रवींद्र पाटिल ने अपने बयान में कहा था कि हादसे इतना जोरदार था कि झटके से गाड़ी के आगे लका का बायां टायर फट गया था. हालांकि जांच में यह बाद गलत साबित हुई.
साल 2002 में हुए हिट एंड रन केस में मुंबई की एक सेशन कोर्ट ने सलमान खान को दोषी ठहराते पांच साल जेल की सजा सुनाई थी. हालांकि सलमान खान ने तत्काल इसके खिलाफ हाईकोर्ट में अपील की जहां से उन्हें अपील का निपटारा होने तक जमानत दे दी गई.
सबूतों को लेकर भी उठे थे सवाल
कोर्ट ने ब्लड के सैंपल लेने से लेकर इसे ले जाने, संरक्षित रखने और एल्कोहल की मौजूदगी की जांच तक कई खामियों का जिक्र किया. जस्टिस ने कहा कि विसंगतियां और गायब महत्वपूर्ण जैविक सबूत के चलते संदेह पैदा होता है. उन्होंने कहा कि यह ताज्जुब की बात है कि कार की स्पीड इतनी तेज थी कि उन्हें JW मैरिएट से घटनास्थल तक पहुंचने में 30 मिनट लगे. इसका मतलब है कि कार की स्पीड को लेकर दिया गया रवींद्र का बयान सही नहीं है. क्योंकि रास्ते में स्पीड ब्रेकर भी थे. रवींद्र पाटिल की मौत हो चुकी है.
'नहीं मिले सलमान खान के नशे में होने के सबूत'
हाईकोर्ट ने सुनवाई के दौरान कहा कि इस बात के सबूत नहीं मिले हैं कि हादसे के वक्त सलमान खान गाड़ी चला रहे थे. ना ही यह आरोप अब तक साबित हो पाया है कि हादसे वक्त सलमान खान नशे में थे. हादसे के बाद, सलमान को बांद्रा के सरकारी भाभा अस्पताल भेजा गया. हालांकि खून के सैंपल लेने की सुविधा नहीं होने पर बांद्रा पुलिस थाने के वरिष्ठ निरीक्षक किशन शेंगल ने उन्हें सरकारी जेजे अस्पताल भेजा जहां डॉक्टर शशिकांत पवार ने उनका ब्लड सैंपल लिया था.
सरकार को फैसले की कॉपी का इंतजार
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि अभी उन्होंने फैसला नहीं बढ़ा है. फैसले की कॉपी पढ़ने के बाद ही सरकार ऊपरी अदालत में अपील करने के संबंध में कोई फैसला लेगी.