ज्योतिष और शारदा पीठ के शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती ने विवादित फिल्म 'पीके' के कुछ सीन्स और डायलॉग्स पर सेंसर बोर्ड के सलाहकार सदस्य की ओर से आपत्ति दर्ज कराए जाने के बावजूद यूए सार्टिफिकेट दिए जाने पर सीबीआई जांच कराए जाने की मांग की है.
सोमवार को झोतेश्वर के आश्रम में शंकराचार्य ने संवाददाताओं से चर्चा करते हुए कहा कि बोर्ड के सलाहकार सदस्य ने फिल्म के सीन्स और डायलॉग्स पर आपत्ति जाहिर करते हुए उसकी दोबारा जांच की सिफारिश की थी. जब उनकी आपत्ति को दरकिनार कर दिया गया तो सदस्य ने बोर्ड के सीईओ और भारत सरकार के सूचना एव प्रसारण मंत्रालय को पत्र लिखकर यह मांग की थी.
शंकराचार्य ने कहा कि जिस अधिकारी ने सीन और डायलॉग पर अापत्ति दर्ज कराई थी उसका फिल्म को जारी किए गए प्रमाण पत्र में नाम ही नहीं है. लिहाजा इस प्रमाण पत्र को जारी किए जाने के मामले की सीबीआई से जांच कराई जानी चाहिए. उन्होंने कहा कि फिल्म 'पीके' में कई दृश्य आपत्तिजनक हैं और सनातन धर्म से जुड़े लोगों को आहत करने वाले हैं. सनातन धर्म में प्राण प्रतिष्ठा के बाद मूर्ति का पूजन होता है. उन्होंने कहा कि फिल्म में भगवान शंकर को ऑटो में भागते और बाथरूम में छुपते बताया गया है. इसके अलावा दीवारों पर भगवान की तस्वीर लगाने का कारण भी कुछ और बताया गया है.
उन्होंने कहा कि ईसाई, मुस्लिम व यहूदी लोग हिंदुओं को समाप्त करना चाहते हैं , जबकि सबसे पुराना धर्म सनातन धर्म है.जिन प्रदेशों में 'पीके' फिल्म को टैक्स फ्री किया गया है, वहां की सरकारें वोट बैंक की राजनीति कर रही हैं. मुस्लिम वर्ग की ताकत से वह देश में राज नहीं कर सकते हैं, देश में एक अरब हिंदू हैं.
- इनपुट IANS