scorecardresearch
 

संगीत के सहारे कोरोना की मार से लड़ रहा लंगा घराना, लॉकडाउन ने छीन ली रोटी

जोधपुर के कई इलाकों में कर्फ्यू है. लॉकडाउन के चलते लोगों से घरों में रहने की अपील की गई है. लंगा घराने के गायक अपनी-अपनी गलियों में भरी दोपहरी गाते बजाते लोगों का मनोरंजन करते अपील कर रहे हैं कि वह कोरोना को हराने के लिए घरों में ही रहें.

Advertisement
X
लंगा घराना
लंगा घराना

Advertisement

कोरोना वायरस का खतरा टला नहीं है इसलिए लॉकडाउन खत्म होने की फिलहाल कोई उम्मीद दिखाई नहीं पड़ती. सरकार कोरोना से निपटने कि लिए हर मुमकिन कदम उठी रही है. हिंदुस्तान पूरी ताकत से इस वायरस को हराने में जुट गया है. आज हम आपको ऐसे ही कोरोना वीरों से मिलवाएंगे जो अपने सुरों से इस वायरस को हरा रहे हैं और साथ ही लॉक डाउन पालन करवाने की मुहिम में भी जुट गए हैं.

राजस्थान का जोधपुर इलाका अपनी कला संस्कृति और संगीत के लिए जाना जाता है. यहां का संगीत पर्यटकों को अपनी ओर खींचता है. लेकिन फिलहाल गाने वालों के सामने रोजी रोटी की बड़ी चुनौती खड़ी हो गई है. जोधपुर का लंगा समाज मुश्किलों में है लेकिन उसका संगीत उसे जिंदा रखे है.

'भरी दोपहरी में गाजे-बाजे के साथ बिताते हैं समय'

Advertisement

जोधपुर के कई इलाकों में कर्फ्यू है. लॉकडाउन के चलते लोगों से घरों में रहने की अपील की गई है. लंगा घराने के गायक अपनी-अपनी गलियों में भरी दोपहरी गाते बजाते लोगों का मनोरंजन करते अपील कर रहे हैं कि वह कोरोना को हराने के लिए घरों में ही रहें.

शादी ब्याह से लेकर, बड़े-बड़े होटलों में या दूसरे बड़े कार्यक्रमों में अपने संगीत का जलवा दिखा कर लंगा समाज के यह कलाकार रोजी-रोटी कमाते थे. लॉकडाउन है तो सबकुछ बंद है. घर से बाहर जा नहीं सकते. इसलिए भरी दोपहरी गाजे-बाजे के साथ समय बिताते हैं.

कोरोना वायरस ने इनसे कमाई छीनी है यह अब अपने सुरों से जज्बे को मजबूत करके कोरोना को हरा रहे हैं. गलियों में सन्नाटा है, यह गायक अपने चबूतरे पर बैठकर समय बिताते हैं तो लोग अपने घरों की छत से इनकी कला का लुत्फ उठाते हैं. लंगा गायकों ने कोरोना वायरस के खिलाफ ही गीत बना लिया है. कोरोना हारेगा, भारत जीतेगा.

गायकों का तरीका बदल गया है. चेहरे पर मास्क है, सोशल डिस्टेंसिंग है लेकिन संगीत और सुर पहले की तरह ही समां बांध देते हैं. फर्क इतना है कि अब सुनने वाले सैलानी नहीं हैं, इसलिए कमाई भी नहीं है. गायक कहते हैं कि आप इसी तरीके से प्रयास करते हैं.

Advertisement

लॉकडाउन से हो रहा है सीधा नुकसान

भवरूप खान लंगा कहते हैं, 'रोजी रोटी अब बंद है. कमाई बंद है लेकिन सरकारी मदद मिल जा रही है. पहले घर अच्छा चल रहा था. जिंदगी अच्छी थी लेकिन अब रुक गई है. लोग उधार नहीं देते, अब गहने भी गिरवी नहीं रखते.'

साबिर हारमोनियम पर गायक हैं. कहते हैं कि कुछ भी हो जाए संगीत नहीं छोड़ सकते क्योंकि यही सब कुछ है और फिर उनकी अंगुलियां हारमोनियम पर थिरकने लगीं और सुरों ने समा बांध दिया.

सबसे बड़ी मुश्किल इन गायकों के सामने यह है कि लॉकडाउन के चलते तमाम रिजॉर्ट और होटल बंद हैं, पर्यटक आ नहीं सकते और विवाह समारोह को अनुमति तो मिली है लेकिन 50 से ज्यादा लोग शामिल हो नहीं सकते. ऐसे में इन गायकों की टोली जो अमूमन पांच से छह लोगों की होती है, उन्हें नहीं बुलाया जाता.

भवरूप कहते हैं, 'टूरिस्ट हैं नहीं होटल बंद हैं, शादी में 50 लोग को बुलाते हैं तो हमें नहीं बुलाया जाता. हमारे बच्चों को दूध भी चाहिए. गाएंगे बजाएंगे नहीं तो पैसा कहां से लाएंगे. सरकार हम गायकों का थोड़ा सा ख्याल रखें.'

महाभारत की द्रौपदी बोलीं- जिसे बालों से प्यार हो वो राजनीति में ना आए

Advertisement

ऑफस्क्रीन भी भिड़े-माधवी को 'आई-बाबा' कह कर बुलाती हैं तारक मेहता की सोनू

खुशियों के आगे खड़ी हुई दीवार

मन्नू खान लंगा के परिवार में 10 लोग रहते हैं. कहते हैं कि सरकार की ओर से मदद तो मिल रही है लेकिन जिंदगी मुश्किल है. मुन्नू कहते हैं, 'जब भीड़ नहीं आएगी तो हम कला कहां दिखाएंगे. संगीत छोड़ नहीं सकते. संगीत को तो जिंदा रखना है. यहीं दोपहर में बैठ कर प्रैक्टिस करते हैं. अब मास्क पहनते हैं दूर बैठते हैं. सरकार से उम्मीद है कि वह हमारी मदद करें.'

बातचीत यहां खत्म हुई नहीं कि भवरु खान ने करताल उठा ली. फिर करताल और ढोलक पर जो ताल के बीच बंद हुआ वह कमाल का था. भवरूप खान कहते हैं कि हमने बड़ी तैयारियां की थी कि दिल्ली जाएंगे कोलकाता जाएंगे, लेकिन अब बुलाने वाले फोन भी नहीं उठाते. आपके जरिए हम चाहते हैं कि आवाज सरकार तक पहुंचे. हमारी कमाई का जरिया संगीत ही है. जब तक हालात नहीं सुधरेंगे हमारा क्या होगा.

परेशानियों की दीवार इनकी खुशियों के आगे खड़ी है. जाहिर है जिसकी कमाई ही भीड़ पर निर्भर है, आज लॉकडाउन के चलते वह मुश्किल में हैं. लेकिन सुर और संगीत की ताकत उन्हें हिम्मत देती है इसीलिए पूरी हिम्मत से वह भी अपने सुर और संगीत को जिंदा रख रहे हैं इस उम्मीद में कि आज नहीं कल कोरोना हारेगा और हिंदुस्तान जीतेगा.

Advertisement
Advertisement