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गूगल ने डूडल बनाकर किया दादा साहब फाल्के को याद, ऐसे रखी भारतीय सिनेमा की नींव

साल 1913 में  दादा साहब फाल्के ने राजा हरिश्चंद्र नाम की एक फुल लेंथ फीचर फिल्म बनाई.

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दादा साहब फाल्के
दादा साहब फाल्के

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दादा साहब फाल्के को भारतीय सिनेमा के जन्मदाता के रूप में जाना जाता है. उन्होंने ही भारत में सिनेमा की नींव रखी. फाल्के का जन्म 30 अप्रैल 1870 को त्रयंबक महाराष्ट्र में हुआ था. दादा साहेब फाल्के ने ही देश में सिनेमा की शुरुआत की और साल 1913 में उन्होंने राजा हरिश्चंद्र नाम की एक फुल लेंथ फीचर फिल्म बनाई. उनकी जयंती के मौके पर गूगल ने उन्हें अपना डूडल बनाकर याद किया है.

फाल्के ने अपने 19 साल के शानदार करियर में 95 फिल्में बनाई और 26 शॉर्ट फिल्में भी बनाई. उनकी अन्य प्रमुख फिल्मों में मोहिनी भस्मासुर, सत्यवान सावित्री, श्री कृष्ण जन्म और लंका दहन जैसी फिल्में शामिल हैं.

कृति को इस फिल्म के लिए मिलेगा दादा साहब फाल्के एक्सिलेंस अवॉर्ड

दादा साहब के जीवन में नया मोड़ तब आया जब उन्होंने क्रिसमस के दौरान 1910 में मुंबई के एक थिएटर में एक फिल्म देखी. यह फिल्म जीसस क्राइस्ट के जीवन पर बनी थी. फिल्म का नाम था 'द लाइफ ऑफ क्राइस्ट'. यही वह समय था जब दादा साहब फाल्के के मन में फिल्में बनाने के ख्याल ने दस्तक दी. उन्हें क्राइस्ट की जगह कृष्ण और राम नजर आने लगे. यहीं से शुरु हुआ उनके फिल्म बनाने का सफर.

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इसके बाद उन्होंने फिल्में बनाने को लेकर एक्सपेरिमेंट करने शुरू कर दिए. इस सिलसिले में उन्होंने एक शोध फिल्म बनाई और उसका नाम मटर के पौधे का विकास रखा. इस दौरान वो मटर के पौधे के विकसित होने का चित्र लेते रहे और उन्होंने तब तक उसका चित्र लिया जब तक वो पौधा पूर्ण रूप से विकसित नहीं हो गया और बाद में उस विकास की पूरी प्रक्रिया को फिल्म का रूप दिया.

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दादा साहेब के सम्मान में भारत सरकार ने साल 1969 से कलाकारों को हर साल उनके द्वारा फिल्मों में दिए गए उल्लेखनीय योगदान के लिए दादा साहेब फाल्के अवॉर्ड दिया जाने का निर्णय लिया. 16 फरवरी 1944 को 73 वर्ष की आयु में उनका निधन हो गया.

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