सुशांत सिंह राजपूत के सुसाइड के बाद से ही नेपोटिज्म को लेकर बहस एक बार फिर तेज हो गई है. कई लोगों का मानना है कि स्टारकिड्स को बॉलीवुड में काफी फायदा मिलता है और उन्हें बिना संघर्ष किए ही आसानी से फिल्में हासिल हो जाती हैं और अगर उनकी फिल्में बॉक्स ऑफिस पर अच्छा प्रदर्शन ना भी करें तो भी उन्हें अपने कनेक्शन्स के चलते लगातार मौके मिलते रहते हैं.
हालांकि इस मामले में कई लोग ये भी मानते हैं कि भले ही स्टार किड्स को कुछ फायदा होता हो और उन्हें शुरुआती फिल्में मिल जाती हों लेकिन वे अपने क्राफ्ट पर मेहनत नहीं करते हैं तो दर्शक उन्हें भुला देते हैं. ऐसे में हर एक्टर को कड़ी मेहनत करनी ही होती है. हालांकि नेपोटिज्म की बहस के बीच ट्विंकल खन्ना जैसे सितारे भी मौजूद हैं जिन्हें ना चाहते हुए भी एक्टर बनना पड़ा था और इंडस्ट्री में कई साल काम करने के बाद उन्होंने एक्टिंग की दुनिया को अलविदा कह दिया था.
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पढ़ाई में काफी अच्छी थीं ट्विंकल
ट्विंकल खन्ना ने एक पैनल डिसक्शन में अपने करियर के बारे में बात की थी. उन्होंने कहा था कि जब आप अपनी सफलता को बहुत गंभीरता से नहीं लेते हो तो असफलता से उबरना आसान होता है. 12वीं क्लास में मैथ्स में मेरे 97 मार्क्स थे, मैं एक चार्टड अकाउंटेंट बनना चाहती थी पर मेरे माता-पिता बॉलीवुड के सुपरस्टार्स थे. ऐसे में मेरे लिए बेहद मुश्किल था कि मैं उन्हें एक्टिंग के अलावा किसी दूसरे करियर के लिए राजी कर पाती.
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ट्विंकल ने कहा था कि मेरी मां कहती थी कि अगर तुम वाकई चार्टर्ड अकाउंटेंट बनना चाहती हो तो ये तो एक सफल अभिनेत्री बनने के बाद भी कर सकती हो लेकिन अगर तुम अभी चार्टर्ड अकाउंटेंट बन गई तो बाद में एक्ट्रेस बनना बेहद मुश्किल हो जाएगा. हालांकि इंडस्ट्री में आठ साल बिताने के बाद मुझे एहसास हुआ था कि मैं एक एक्ट्रेस के तौर पर फेल हुई हूं लेकिन इसका मतलब ये नहीं था कि मैं किसी और करियर फील्ड में अच्छा परफॉर्म नहीं कर सकती हूं.