'स्लमडॉग मिलेनियर' मुंबई की झोपड़पट्टी में रहने वाले एक लड़के की करोड़पति बनने की कहानी है, जिसने चार गोल्डन ग्लोब अवार्ड अपनी झोली में डाल लिये. फिल्म की स्टार कास्ट मुंबई में जोरशोर से इस फिल्म का प्रचार करने में जुटी है लेकिन रिलीज होने से पहले ही ये फिल्म विवाद में फंस गई है.
कुछ लोगों को फिल्म के नाम पर ऐताराज है कि झोपड़पट्टी में रहने वाले लोगों के लिए 'डॉग' शब्द का इस्तेमाल क्यों किया गया. पटना में एक शख्स ने सीजीएम कोर्ट में बाकायदा एक याचिका दर्ज करा दी है. मानवाधिकार आयोग, सेंसर बोर्ड और झुग्गी संघर्ष मोर्चा को भी चिट्ठी लिख दी गई है.
याचिकाकर्ता की वकील श्रुति सिंह ने कहा कि यह नाम मानवीय मूल्यों के खिलाफ है. याचिका में फिल्म 'स्लमडॉग मिलेनियर' के किरदार अनिल कपूर और संगीतकार ए आर रहमान के खिलाफ आइपीसी की धारा 504 के तहत मामला दर्ज करने की मांग की गई है. दलील ये कि फिल्म का टाइटल स्लमडॉग मिलेनियर रखने के पीछे ब्रिटिश डायरेक्टर की मंशा भारतीयों के अपमान की है और फिल्म से जुड़े लोगों ने उनका साथ दिया है.
वकील श्रुति सिंह ने कहा कि हम भारतीय सेंसर बोर्ड से मांग करते हैं कि फिल्म को इस नाम के साथ भारत में नहीं रिलीज किया जाए.
इससे पहले अमिताभ बच्चन ने इस फिल्म के विषय पर भी आपत्ति जताई थी. उन्होने कहा था कि फिल्म में भारत की गरीबी की तस्वीर गलत तरीके से पेश की गई है. हालांकि फिल्म के कलाकार इरफान इस बात से इत्तेफाक नहीं रखते.
इरफान खान ने कहा कि अगर हम गरीब हैं तो इसमें छुपाने की बात क्या है. हमें दुनिया को जानने देना चाहिए कि हम गरीब भी हैं और विकास भी कर रहे
ये फिल्म भारत में 23 जनवरी को रिलीज हो रही है। औऱ फिल्म के टाइटल को लेकर दायर की गई याचिका पर सुनवाई 5 फरवरी को होगी.