बॉलीवुड के सदाबहार एक्टर माने जाने वाले अनिल कपूर का स्टारडम और टैलेंट आज के दौर के दिग्गजों पर भारी पड़ता नजर आता है. हाल ही में रिलीज हुई फिल्म 'दिल धड़कने दो' में बेहतरीन नजर आने वाले इस स्टार से हुई बातचीत के पेश हैं कुछ खास अंश:
फिल्म 'दिल धड़कने दो' के बारे में क्या कहना चाहेंगे?
कभी कभार ऐसी फिल्में आती हैं जिसको लोग देखना पसंद करते हैं, तो 'दिल धड़कने दो' उन्ही फिल्मों में से एक है. दिल से
बनाई गयी फिल्म लोग सूंघ लेते हैं. अभी 'पीकू ' और 'तनु वेड्स मनु रिटर्न्स ' की भी काफी सराहना हुई है.
यह मल्टीस्टार फिल्म है, खुद को कहां पाते हैं?
मुझे नहीं लगता की रीमा कागती और जोया अख्तर ने लिखते वक्त ऐसा सोचा होगा की मल्टीस्टारर फिल्म बनानी है. उन्होंने एक
कहानी बनाई जिसके किरदार हम सब हैं. अब स्टार कास्ट को देख कर आप मल्टीस्टारर कहते हैं. मुझसे फिल्म करने को कहा गया,
स्क्रिप्ट काफी अच्छी लगी और कर दी.
फिल्म में कमल मेहरा के किरदार आपकी असल जिंदगी से कितना मेल खाता है?
कमल मेहरा से मैं बिल्कुल अलग हूं. मैं बहुत ही फन और एन्जॉय करता हूं इसलिए मैं फिल्म के इस किरदार से बहुत अलग हूं.
आपने 'ईश्वर' और 'मशाल' जैसी फिल्में भी की हैं, क्या आप खुद को इंडस्ट्री में अलग तरह का एक्टर मानते हैं?
देखिये जब भी कोई और एक्टर सड़क पर या कहीं जा रहा होता है तो लोग उसे उसके नाम से पुकारते हैं जैसे देव आनंद जा रहा
है, शाहरुख जा रहा है लेकिन मुझे हमेशा लोगों ने कभी 'लखन ', 'मुन्ना', 'ईश्वर' के नाम से तो कभी 'मिस्टर इंडिया' के नाम से पुकारा
है. कभी कभी 'ए झक्कास' भी बुलाते हैं. तो सबका अपना-अपना अंदाज है. मैंने हमेशा मजबूत किरदार निभाए हैं. 'ताल', 'बीवी नंबर 1'
जैसी फिल्में को भी मैंने इसीलिए चुना. हमेशा खुद को बदलता रहता हूं और प्रयोग करता रहता हूं. सीखता रहता हूं.
जब लोग आपको आपके किरदार के नाम से बुलाते हैं तो क्या प्रतिक्रिया रहती है?
मैं खुद को बहुत मजबूत और ऊंचा पाता हूं. खुशकिस्मत समझता हूं.
उस दौर में जब आप खुद के ऊपर प्रयोग करते थे जैसे मूछें हटा दी या बॉडी बनाई तो उन बातों का ज्यादा प्रचार-प्रसार नहीं होता
था, आजकल ये सब ट्रेंड बन जाता है. तो उन चीजों का आपको कोफ्त होता है?
जी उस वक्त बुरा लगता था, काफी बुरा लगता था. 'लम्हे' के दौरान जब मैं अपनी मूछ निकाल रहा था तो हमने फिल्मसिटी में
प्रेस को बुलाया था लेकिन कोई आया ही नहीं. किसी को फर्क नहीं पड़ता था. लेकिन आजकल उन्ही बातों को तवज्जो दी जाती है. अब
मुझे अच्छा लगता है.
आपने एक तरफ दिलीप कुमार के साथ काम किया है तो आज यंग एक्टर्स के साथ भी कर रहे हैं, ये परिवर्तन कैसे देखते हैं?
यंग ओल्ड कुछ नहीं होता, सिर्फ टैलेंट काम आता है. कितने यंग लोग हैं जिन्हे कुछ आता ही नहीं. जोया काफी टैलेंटेड है इसलिए
काम कर रहा हूं. मैं हमेशा जरूरत के हिसाब से खुद को किरदार में ढाल देता हूं.
कभी बायोपिक का हिस्सा बनना चाहेंगे?
कहानी अच्छी होगी तो जरूर करूंगा, किसी की भी नहीं कर लूंगा. कुछ अच्छा प्रोडक्ट और कहानी होगी तो आने वाले दिनो में
करूंगा. फिलहाल ऐसा कुछ सोचा नहीं है.
फिल्म में पालतू कुत्ता 'प्लूटो मेहरा' भी है, क्या आप एनिमल लवर हैं?
मैं एनिमल लवर नहीं हूं लेकिन मेरी बच्चे जरूर हैं. ऐसा नहीं है की मैं निर्दयी हूं बस मैं एनिमल्स को देखना पसंद करता हूं.
कभी कोई ऐसी स्क्रिप्ट आए कि आपको मूंछे निकालनी पड़े, तो क्या अब आप अपनी मूछें कटवाएंगे?
नहीं, अब नहीं, इस वक्त मुझे लगता है कि नहीं निकालूंगा.
क्या आप खुद को इंडस्ट्री में असुरक्षित महसूस करते हैं?
नहीं ऐसा कभी नहीं होता, मैं हमेशा किरदार और काम के प्रति हमेशा तैयार रहता हूं. मेरी तैयारी के कारण ही मुझमें आत्मविश्वास
रहता है. अपने काम को बहुत एन्जॉय करता हूं.
मिस्टर इंडिया की सीक्वल कब आएगी ?
बहुत ही जल्द, नो एंट्री और मिस्टर इंडिया की सीक्वल भी बनने वाली है.