पहलाज निहलानी को सेंसर बोर्ड के अध्यक्ष पद से अचानक हटाए जाने के पीछे कई वजहें बताई जा रही हैं. इनमें एक वजह एकता कपूर के साथ हुआ उनका विवाद भी है. स्मृति ईरानी से एकता की दोस्ती भी इसके केंद्र में बताई जा रही है. बता दें कि नवाजुद्दीन सिद्दीकी स्टारर फिल्म 'बाबूमोशाय बंदूकबाज' में सेंसर बोर्ड ने 50 से अधिक कट लगाए थे. यह बात फिल्म की प्रोड्यूसर्स को नागवार गुजरी. उन्होंने निहलानी के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई.
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पहलाज और बोर्ड के मेंबर द्वारा प्रोड्यूसर्स के साथ दुर्व्यवहार की भी खबरें आई. इस विवाद को ही निहलानी के पद से हाथ धोने की वजह माना गया. लेकिन जानकार इसकी असली वजह एकता कपूर और सेंसर बोर्ड के बीच लंबे समय से चला आ रहा विवाद बता रहे हैं. पिछले महीने आई फिल्म लिपस्टिक अंडर माय बुर्का की रिलीज पर सेंसर बोर्ड ने तमाम रुकावटें डाली थीं. यह विवाद करीब एक साल से चला आ रहा था. सालभर पहले लिपस्टिक अंडर माय बुर्का की रिलीज डेट तय हुई थी, लेकिन मामला सेंसर बोर्ड में फंसा रहा.
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इसी दौरान इत्तेफाक से एकता कपूर की पुरानी दोस्त स्मृति ईरानी को केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री बनाया गया और एकता कपूर की राह आसान हो गई. इसके बाद एकता ने निहलानी पर जमकर हमले बोले. सूत्रों के मुताबिक, स्मृति ने अंदर ही अंदर एकता का साथ दिया. सरकार पर निहलानी को हटाने को लेकर दबाव बनाया गया. एकता कपूर पहले भी अपनी फिल्म उड़ता पंजाब को लेकर सेंसर बोर्ड से भिड़ चुकी हैं.
नए सेंसर बोर्ड अध्यक्ष प्रसून जोशी प्रोड्यूसर्स के बीच खासे लोकप्रिय हैं. वे मीडिया फ्रेंडली भी माने जाते हैं. विद्या बालन को भी सेंसर बोर्ड कमेटी का सदस्य बनाया गया है.