परदे पर इमरान हाशमी हीरो के ढेरों किरदार निभा चुके हैं लेकिन उनका मानना है कि उनका असली सुपरहीरो तो उनका बेटा ही है. उनके बेटे अयान ने कैंसर से जंग जीती है और इसी से उनकी किताब प्रेरित हैः 'हाउ अ सुपरहीरो एंड माय सन डिफीटीड कैंसर'.
इस किताब को पेंगुइन ने पब्लिश किया है और बिलाल सिद्दीकी इसके सह-लेखक हैं. इसमें एक बच्चे पर कैंसर के असर और इलाज के भावनात्मक दौर का जिक्र है. यह इलाज दो साल तक चला.
इमरान कहते हैं, 'हमने उसके पसंदीदा सुपरहीरो आयरनमैन और बैटमैन के ईर्द-गिर्द काल्पनिक कहानी बुनी है और बीमारी और उससे जंग से जुड़े किस्से को पेश किया है. मुझे इस बात पर गर्व है कि छह साल की उम्र में वह कितनी बड़ी सोच रखता है. वह बड़ा हो चुका है और वह अपने काम में किसी सुपरहीरो से कम नहीं है. मैंने काफी रिसर्च की है और जाना है कि कैंसर को रोका जा सकता है. यह किताब सिर्फ कैंसर से अयान की जंग के बारे में नहीं है, फिल्म इंडस्ट्री में 13 साल के मेरे सफर के बारे में भी है.'