इमरान हाशमी अपनी फिल्म वाय चीट इंडिया के कारण चर्चा में हैं. ये फिल्म 18 जनवरी को रिलीज होगी. इमरान ने हाल ही में इंडिया टुडे माइंड रॉक्स में शिरकत की. इस दौरान उन्होंने बताया कि उनकी फिल्म इस विषय पर है. उन्होंने देश के एजुकेशन सिस्टर पर भी सवाल उठाए.
इमरान ने कहा- "मैं ऐसे लोगों को जानता हं जो कुछ न करके भी 95 फीसदी तक मार्क्स पाते हैं. फेक डिग्री पाकर डॉक्टर-इंजीनियर बन जाते हैं. आपको पता नहीं होता कि जो डॉक्टर आपको प्रिसक्रिप्शन लिख रहा है, वह क्वालिफाइड नहीं है. इसी बारे में हमारी फिल्म वाय चीट इंडिया है."
Emraan Hashmi’s 'Cheat India' title changed to 'Why Cheat India' after CBFC objection. Watch @emraanhashmi talk about his latest film, Censor Board and his school days at #MindRocksBhubaneswarLive: https://t.co/IoVlQX3D3u pic.twitter.com/0AMERO8fNc
— India Today (@IndiaToday) January 10, 2019
Don't ask WHY! But it's WHY! #WhyCheatIndia pic.twitter.com/wrjNnTvSf2
— WHYemraan hashmi (@emraanhashmi) January 10, 2019
Why #CensorBoard is so stringent ... Is there an actual difference between #WhyCheatIndia & #CheatIndia ???? @emraanhashmi @tanuj_garg @atulkasbekar
— Girish Johar (@girishjohar) January 10, 2019
इमरान हाशमी ने बताया "हमारा एजुकेशन सिस्टम मूल रूप से फ्रैक्चर्ड और फ्रॉड है. इसे बदलने के लिए क्रांतिकारी परिवर्तन की जरूरत है. आप अपनी जिंदगी के 10 साल सिर्फ फैक्ट चेक करने में बिता देते हैं. आज लगभग हर राज्य में संगठित रूप से चीटर्स माफिया काम कर रहे हैं. आपको हो सकता है इसकी कोई जानकारी न हो. बहुत से अयोग्य स्टूडेंट चीटिंग माफिया को पैसा देते हैं और वे उन्हें डॉक्टर, इंजीनियर बनाते हैं. वे घर बैठे एग्जाम देते हैं, कमाल के नंबर पाते हैं."
1 हफ्ते पहले रिलीज होगी इमरान हाशमी की फिल्म Cheat India, ये है वजह
इमरान ने बताया कि उनकी फिल्म का नाम रिलीज से पहले चेंज हो गया. इसे चेंज कराने के पीछे क्या लॉजिक है, ये उन्हें समझ नहीं आया. इसीलिए कहा जाता है सेंसलेस सेंसर बोर्ड. बता दें कि इमरान की फिल्म का नाम पहले चीट इंडिया था, अब वाय चीट इंडिया हो गया.
इमरान हाशमी ने अपना अनुभव सुनाते हुए कहा- "मेरे स्कूल ने मुझे वोकेशनली तैयार किया है, लेकिन आर्ट की ओर कोई दिशा नहीं दिखाई. 10 साल तक मैं रट्टा मार रहा था. जैसा कि हम सब स्कूल में करते हैं. 5 साल तक कॉमर्स में रहने के बाद मुझे पता चला कि मुझे आर्ट्स की तरफ जाना चाहिए. मैं समय बर्बाद कर रहा हूं."