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पीके सुपरहिट, फिर कमी किस बात की है

पीके तो सुपरहिट हो गई है. जितने लोगों से सुना है, यही सुना है कि मजेदार है. आमिर ने तो गज़ब ही कर दिया है इसमें. अब आमिर के लिए ये गज़ब है या नहीं, पता नहीं. शुक्रवार को रिलीज वाले दिन 26.63 करोड़ रुपये कमाने वाली फिल्म पूरे वीकेंड पर 100 करोड़ रुपये का आंकड़ा छूते-छूते रह गई.

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पीके तो सुपरहिट हो गई है. जितने लोगों से सुना है, यही सुना है कि मजेदार है. आमिर ने तो गज़ब ही कर दिया है इसमें. अब आमिर के लिए ये गज़ब है या नहीं, पता नहीं. शुक्रवार को रिलीज वाले दिन 26.63 करोड़ रुपये कमाने वाली फिल्म पूरे वीकेंड पर 100 करोड़ रुपये का आंकड़ा छूते-छूते रह गई. जबकि-

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- बड़ी स्क्रीन पर फिल्म देखने के शौकीन लोग सबसे ज्यादा हमारे देश में हैं. हर साल 300 करोड़ टिकट खरीदे जाते हैं.
- दुनिया में सबसे ज्यादा फिल्मों का निर्माण कर रहे हैं हम. लगभग एक हजार फिल्में हर साल.

...तो कमी कहां रह जा रही है? सौ करोड़ रुपये तो हॉलीवुड की सबसे छोटी फिल्मों का ही बजट होता है.

- दरअसल, हमारा देश स्क्रीन की कमियों वाला देश है. अमेरिका में जहां दस लाख लोगों पर 120 सिनेमा स्क्रीन हैं, वहीं हमारे देश में सिर्फ दस.
- हमारे देश में मल्टीप्लेक्स 1200 हैं, जबकि सिंगल स्क्रीन सिनेमाघर 12 हजार. लेकिन बॉक्स ऑफिस का दो-तिहाई कलेक्शन मल्टीप्लेक्स से ही आता है. यानी जितने ज्यादा मल्टीप्लेक्स होंगे, उतनी ज्यादा कमाई.
- पीके 4000 स्क्रीन (विदेशों में 844 स्क्रीन) पर रिलीज हुई, जबकि शाहरुख की हैप्पी न्यू ईयर 5000 और चेन्नई एक्सप्रेस 3500. इससे ज्यादा स्क्रीनिंग संभव नहीं. क्योंकि बाकी फिल्मों को भी तो रिलीज के लिए स्क्रीन चाहिए.
- औसत 160 रुपये टिकट है मल्टीप्लेक्स में, आम सिंगल स्क्रीन सिनेमाघरों के मुकाबले तीन गुना.
- मल्टीप्लेक्स के बढ़ते बाजार ने सबसे ज्यादा असर सिंगल स्क्रीन सिनेमाघरों पर डाला है. पिछले तीन साल में तीन हजार ऐसे सिनेमाघर बंद हो चुके हैं.

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...तो इंतजार कीजिए. करीब दो साल और लगेंगे. जिस तरह अब लगभग हर फिल्म कुल कमाई के मामले में 100 करोड़ क्लब में शामिल हो रही है , वैसी ही संख्या फर्स्ट वीकेंड में 100 करोड़ कमाने वाली फिल्मों की होगी. मल्टीप्लेक्स 10-12% की सालाना दर से जो बढ़ रहे हैं.

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