बॉलीवुड निर्माता और निर्देशक बासु चटर्जी का 93 साल की उम्र में मुंबई में निधन हो गया. लेकिन बासु छोड़ गए है ढेर सारी सदाबहार फिल्में जो आज भी ताज़ा है और लोगों का मनोरंजन कर रही हैं. वैसे टीवी पर भी अस्सी के दशक में बासु चटर्जी क्रांति लेकर आये थे सीरियल रजनी के साथ. उन्होंने भारतीय टेलीविज़न को दी थी टीवी की पहली गृहणी. जो था सीरियल रजनी 1985 में.
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अभिनेत्री प्रिया तेंदुलकर ने इस किरदार से उस वक़्त खलबली मचा दी थी. इस मजेदार महिला प्रधान सीरियल्स के करीब 15 साल बाद सीरियल्स महिला प्रधान ही बनते चले गए. इसके अलावा बासु ने भारतीय टीवी को पहला बिना टोपी वाला जासूस भी दिया था. ये सीरियल था 1993 में आया सीरियल ब्योमकेश बख्शी अभिनेता रजित कपूर ने ब्योमकेश का किरदार निभाया था.
बंगला उपन्यास पर आधारित ब्योमकेश बख्शी को उस वक़्त लोगों ने बहुत पसंद किया था और आज भी इस सीरियल को खूब देखा जा रहा है. इस सीरियल के दो सीजन आये एक 1993 और एक 1997 में. करमचंद जहां अस्सी के दशक का लोकप्रिय जासूसी सीरियल्स था तो नब्बे के दशक में छाया रहा ब्योमकेश बख्शी.
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ये दोनों ही सीरियल्स एक बार फिर से दूरदर्शन पर दिखाए जा रहे हैं. इसके अलावा टीवी पर बासु चटर्जी ने कई और लोकप्रिय सीरियल्स भी बनाये थे. जैसे 'दर्पण ' और 'कक्का जी कहिन ' ..., दर्पण में उन्होंने विदेशी कहानियों को देसी अंदाज़ में दिखाया था तो 'कक्का जी कहिन ' में ओम पुरी को लेकर भारत का पहला कॉमेडी वाला नेताओं पर व्यंगात्मक शो बनाया.
दूरदर्शन के बाद प्राइवेट चैनल्स के लिए वो शोज बनाना चाहते थे पर ख़राब स्वास्थ्य की वजह से वो कभी बना नहीं पाए. और ये बीड़ा उनकी बेटी रुपाली और दामाद पिंटू ने उठाया. बासु चटर्जी की बेटी रुपाली गुहा सीरियल्स की दुनिया की नामचीन प्रोडूसर हैं. जिन्होंने उतरन , इश्क़ का रंग सफ़ेद और परफेक्ट पति जैसे शोज बनाए
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बासु की फिल्मों की तरह उनके सीरियल में आम आदमी और उनसे जुडी हुई हास्यास्पद हालात दिखाए जाते थे. उनकी फिल्में भी OTT प्लेटफॉर्म्स पर बहुत ज़्यादा देखी जाती हैं. जिनमें शामिल हैं चमेली की शादी , बातों बातों में , शौक़ीन , चितचोर और खट्टा मीठा.