scorecardresearch
 

मेरे लिए इंडिया की वॉइस सिर्फ 'लता जी' हैं: सुनिधि चौहान

सिंगर सुनिधि चौहान इस वीकेंड से एंड टी वी पर आने वाले शो 'द वॉइस' इंडिया में कोच की भूमिका में नजर आने वाली हैं. अपने इस नए शो के बारे में बेहतरीन सिंगर सुनिधि चौहान ने कई बातें शेयर कीं.

Advertisement
X
Sunidhi Chauhan
Sunidhi Chauhan

सिंगर सुनिधि चौहान इस वीकेंड से एंड टी वी पर आने वाले शो 'द वॉइस' इंडिया में कोच की भूमिका में नजर आने वाली हैं. अपने इस नए शो के बारे में बेहतरीन सिंगर सुनिधि चौहान ने कई बातें शेयर कीं. पेश है इस बातचीत के कुछ खास बातें:

Advertisement

'द वॉइस' इंडिया में में आपने कोच बनने का ऑफर क्यों चुना?
सबसे अच्छी बात ये है की इसमें पूरा पुरा ध्यान सिर्फ आवाज के ऊपर दिया गया है. हम सिंगर्स को देख नहीं पाते सिर्फ उनकी आवाज सुनकर ही निर्धारित करते हैं की क्या वो हमारे खेमे में आने लायक है या नहीं. तो यह काफी रोचक बात है.

क्या आप मानती हैं की सिंगर के साथ-साथ अच्छा परफॉर्मर भी होना चाहिए?
बिल्कुल, क्योंकि ये आज की ही नहीं हर दौर की मांग रही है, आपके फैंस आपको सुनने के साथ-साथ देखना भी चाहते हैं तो आपको उन चीजों का भी ख्याल रखना पड़ता है.

विश्व स्तर पर 'द वॉइस' बहुत बड़ा शो है, आपने इंटरनेशनल लेवल के इस शो को पहले भी देखा है?
जी हां, मैं बहुत बड़ी फैन हूं 'द वॉइस' की इसीलिए मैंने ऑफर आते ही झट से हां कर दी.

Advertisement

प्रतियोगी कैसे आने वाले हैं?
मेरे ख्याल से हमें बहुत अच्छे-अच्छे सिंगर मिले हैं. हालांकि अभी पॉलिश होने में वक्त लगता है क्योंकि पहली बार सबके लिए सबकुछ नया ही होता है, जो नर्वस थे अब वो काफी कम्फर्ट महसूस करते हैं.

'मेरी आवाज सुनो' याद आता है जब आप प्रतियोगी हुआ करती थी?
बिल्कुल, क्यों नहीं याद आएगा? वो रियलिटी शो नहीं था सिंपल शो था मैं सिर्फ 13 साल की थी तब. मुझे तो यह भी मालूम नहीं था कि क्या हो रहा है. मेरी सिर्फ एक सोच थी की मैं लता जी को एक बार देख लूं क्योंकि सिर्फ वही एक प्लेटफॉर्म था जहां मैं उनसे मिल पाती. आज भी वो यादें ताजा हो जाती हैं.

आने वाले गीत आपके?
फिल्म 'दिल धड़कने दो' का 'स्विंग' गाना काफी नया है मैंने बहुत ही अलग तरह से इस गाने को गाया है तो उसका इन्तजार है फिलहाल.

आप कौन से सिंगर को 'द वॉइस' इंडिया मानती हैं?
इसका जवाब तो आप भी जानते हैं 'द वॉइस' तो एक ही है उनका नाम लेने की जरूरत नहीं है. भारत की 'कोकिला' हैं मैं उनको 'मंदिर' कहती हूं क्योंकि जब भी उनको सुनती हूं तो लगता है कि मंदिर में बैठी हूं. वो हैं लता मंगेशकर जी. इसके अलावा रफी साहब, किशोरी दा, मन्ना दा आशा जी ये सब अतुलनीय हैं.

Advertisement
Advertisement