संजय लीला भंसाली की फिल्म 'पद्मावत' लगातार विवादों में बनी हुई है. इसी बीच जेल में आजीवन कारावास की सजा काट रहें पूर्व सांसद आनंद मोहन ने 'पद्मावत' फिल्म को लेकर विरोध जताया है. गोपालगंज के पूर्व जिलाधिकारी जी कष्णैया हत्या के आनंद मोहन आजीवन कारावास की सजा काट रहे हैं.
सहरसा जेल से कोर्ट में पेशी होने के दौरान उन्होंने सुप्रीम कोर्ट और सेंसर बोर्ड के फैसले पर सवाल उठाये. सहरसा व्यवहार न्यायालय पहुंचे आनंद मोहन ने पत्रकारों से बातचीत के दौरान 'पद्मावत' फिल्म पर विरोध जताया. आनंद मोहन ने सेंसर बोर्ड और सुप्रीम कोर्ट पर भी सवालिया निशान खड़ा करते हुए कहा की सेंसर बोर्ड द्वारा और सुप्रीम कोर्ट की आनन फानन में मोहर लगी है.
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हम इसका पुरजोर विरोध करते है और इस आंदोलन में उन्होंने ये भी कहा कि पच्चीस जनवरी की शाम से दो दिन के सांकेतिक भूख हड़ताल पर जायेंगे जिसके समर्थन में हरेक जाति, धर्म के 600 बंदी भी समर्थन में रहेंगे. इसके बाद अनिश्चित कालीन अनशन पर जायेंगे. इतना ही नही इस आंदोलन में आत्म बलिदान भी देनी पड़ी तो वो भी देने को तैयार हैं.
पूर्व सांसद ने कहा कि अभिव्यक्ति की आजादी के प्रबल पक्षधर हैं पर पूर्वाग्रह से ग्रसित पक्षपात या दुरूपयोग के नहीं. आनंद मोहन ने आगे कहा कि वो जेल में कैद होकर केन्द्र और राज्य सरकारों से अपील करते है कि संभावित टकराव और राष्ट्रीय क्षति के मद्देनजर पूरे देश में फिल्म पर रोक लगाए.
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बता दें कि फिल्म पद्मावत को सुप्रीम कोर्ट से राहत मिली है. राजस्थान और मध्यप्रदेश सरकार की याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने दोनों को कड़ी फटकार लगाई. कोर्ट ने याचिकाओं को खारिज किया, अब फिल्म पूरे देश में 25 जनवरी को ही रिलीज़ होगी.