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8 किलो वजन घटाया, 27 की उम्र में इस एक्ट्रेस ने किया था 74 साल की कस्तूरबा का रोल

सर रिचर्ड एटनबरो की निर्देशित फिल्म गांधी में भारतीय एक्ट्रेस रोहिणी हट्टंगड़ी ने कस्तूरबा गांधी का किरदार निभाया था. इस रोल के लिए उन्होंने एक महीने में 8 किलो वजन घटाया था. जानें, कस्तूरबा गांधी के किरदार में ढलने के लिए रोहिणी को क्या-क्या करना पड़ा. 

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रोहिणी हट्टंगड़ी (FILM STILL)
रोहिणी हट्टंगड़ी (FILM STILL)

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कल देश के राष्ट्रपिता महात्मा गांधी जयंती है. करोड़ों लोगों के आदर्श गांधीजी की जिंदगी को दर्शाने में बॉलीवुड भी पीछे नहीं रहा. हॉलीवुड हो या बॉलीवुड हर किसी ने बापू की जिंदगी को फिल्मी पर्दे पर उतारने की कोशिश की. लेकिन इन सब में सर रिचर्ड एटनबरो की निर्देशित फिल्म गांधी सबसे खास है. फिल्म में गांधी का किरदार विदेशी कलाकार बेन किंग्सले ने निभाया था. लेकिन कस्तूरबा के रोल के लिए भारतीय एक्ट्रेस रोहिणी हट्टंगड़ी को चुना गया. इस रोल के लिए उन्होंने 1 महीने में 8 किलो वजन घटाया. बता दें, जब रोहिणी ने 74 साल की कस्तूरबा को रोल किया था तब वह सिर्फ 27 साल की थीं.

कस्तूरबा के रोल के लिए रोहिणी हट्टंगड़ी को बेस्ट सपोर्टिंग एक्ट्रेस केटगरी के लिए BAFTA अवॉर्ड मिला था. Rediff  को दिए गए इंटरव्यू में उन्होंने अपने किरदार से जु़ड़ी कई बातें शेयर की. रोहिणी ने कस्तूरबा का रोल मिलने की दिलचस्प कहानी बयां करते हुए कहा, मैं मराठी थियेटर में काम करती थीं इसलिए कास्टिंग डायरेक्टर डॉली ठाकोर मुझे जानते थे. उन्होंने मुझे बताया कि रिचर्ड एटनबरो कस्तूरबा के रोल के हीरोइन की तलाश में शहर आ रहे हैं. डोली ने मुझे उनसे मिलने को कहा. मैंने कस्तूरबा के रोल के लिए ऑडिशन दिया और मैं सलेक्ट हो गईं.

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कस्तूरबा का रोल रोहिणी को मिल तो गया था लेकिन इसके लिए उन्हें बहुत मेहनत करनी पड़ी. किरदार में ढलने के लिए उन्हें वजन घटाना पड़ा. क्योंकि पर्दे पर उन्हें कस्तूरबा के 27 से 74 साल के सफर को दिखाना था. उन्होंने एक महीने में 8 किलो वजन घटाया. वजन घटाने के बाद वह स्क्रीन टेस्ट के लिए लंदन गईं. वहां तीन जोड़ियों का स्क्रीन टेस्ट होना था. भक्ति बार्वे और जॉन हर्ट, स्मिता पाटिल और नशीरुद्दीन शाह, बेन किंग्सले और मेरा. रोहिणी को बिल्कुल भी यकीन नहीं था कि वह फिल्म के लिए सलेक्ट हो जाएंगी.

सभी किरदारों को अलग अलग ट्रेनिंग दी गई. रोहिनी को एलोक्यूशन की क्लासेज दी गई तो गांधी बने बेन किंगस्ले को योगा क्लासेज लेनी होती थी. किंगस्ले और रोहिनी को चरखा चलाने की प्रैक्टिस करनी पड़ती थी. वह दोनों रोजाना दो घंटे चरखा चलाने की प्रैक्टिस करते थे. इसके अलावा रोहिणी को बहुत सारा काता निकालना होता था. अपना सबसे मुश्किल सीन बताते हुए रोहिणी ने कहा, शूटिंग के वक्त बुढ़ापे के सीन शूट करना सबसे मश्किल था. क्योंकि उम्र बढ़ना एक क्रमिक प्रक्रिया है. जब मैंने 74 साल की कस्तूरबा को रोल निभाया, तब मैं सिर्फ 27 साल की थी. यह बेहद मुश्किल था क्योंकि कैमरा आपकी खामियों को आसानी से पकड़ लेता है.

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गांधी रोहिणी की तीसरी फिल्म थी. लेकिन उन्हें कभी इस बात का अंदाजा नहीं था कि इसके बाद वह मां के रोल के लिए टाइपकास्ट हो जाएंगी. गांधी के बाद उन्होंने अर्थ की, जहां रोहिणी ने अपनी उम्र का रोल निभाया. लेकिन किसी वजह से अर्थ सारांश के बाद रिलीज हुई. सारांश में उन्होंने बूढ़ी औरत का रोल निभाया था. पहली कमर्शियल फिल्म हैसियत में भी उन्होंने मां का ही रोल निभाया.

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