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गिरिजा देवी, जिन्होंने ठुमरी को आम लोगों तक पहुंचाया

मशहूर गायिका गिरिजा देवी को ठुमरी क्वीन के नाम से जाना जाता है. उनके जन्मदिन पर जानें उनके जीवन से जुड़े रोचक तथ्य.

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गिरिजा देवी
गिरिजा देवी

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मशहूर ठुमरी गायिका गिरिजा देवी को ठुमरी क्वीन कहा जाता है. गिरिजा देवी ने ठुमरी गायकी को आम नागरिकों और श्रोताओं के लिए मुहैया कराया. उनके जन्मदिन पर जानिये उनके जीवन से जुड़े रोचक किस्से.

गिरिजा देवी का जन्म साल 1929 को वाराणसी में हुआ था. जब गिरिजा छोटी थीं तब उनके पिता रामदेओ ने उन्हें एक दफा अपनी गुड़िया के लिए वेडिंग सॉन्ग गाते हुए सुना और उनकी प्रतिभा को पहचाना.

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अपने शुरुआती दिनों के करियर में उन्होंने अपने पिता से ही संगीत की तालीम ली. उनके पिता हरमोनियम वादक थे. इसके बाद पांच साल की आयु में गिरिजा देवी ने सरजू प्रसाद मिश्र से संगीत सीखा.

गिरिजा देवी ने 15 साल की उम्र में एक बिजनेसमैन से शादी की. उनके पति और परिवारवालों ने उन्हें पब्लिकली गाने से मना किया. उनके ससुरालवालों का मानना था कि बड़े घर की लड़कियों के लिए पब्लिकली गाना ठीक नहीं होता.

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गिरिजा देवी के बारे में माना जाता है कि वो शादी के बाद भी संगीत में पूरी तरह मशगूल थीं. उन्हें घर के कामकाज में मन नहीं लगता था. कई बार तो ऐसा होता था कि रियाज के चक्कर में उनके हाथ की बनाई रोटियां जल जाती थीं. उन्होंने एक इंटरव्यू के दौरान कहा भी था कि कभी मन नहीं लगता हमारा चौके-चूल्हे में.

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गिरिजा देवी की प्रतिष्ठा का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि उन्हें सुनने वालों में पं. जवाहर लाल नेहरू, इंदिरा गांधी, डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन और सरोजनी नायडू शामिल हैं.

गिरिजा जी को संगीत में दिए गए अविस्मरणीय योगदान के लिए भारत सरकार द्वारा, संगीत नाटक अकादमी, पद्मश्री, पद्मभूषण जैसे सम्मानों से नवाजा गया. साल 2017 में 24 अक्टूबर को 88 साल की उम्र में कॉर्डियक अरेस्ट के कारण उनका निधन हो गया.

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