बॉलीवुड की टॉप डायरेक्टर और स्क्रीनराइटर रीमा कागती ने राहुल गांधी के इस्तीफे को खारिज होने पर इसे कांग्रेस पार्टी के लिए आत्मघाती कदम बताया है. अक्षय कुमार की फिल्म गोल्ड और आमिर की फिल्म तलाश का निर्देशन करने वाली रीमा ने मेड इन हेवेन, गली बॉय जैसे सफल प्रोजेक्ट्स के लिए स्क्रीनप्ले लिखे हैं.
रीमा ने इस खबर को ट्वीटर पर शेयर करते हुए लिखा, अभूतपूर्व अविश्वसनीय. ये कांग्रेस कार्य समिति(सीडब्लयूसी) का आत्मघाती कदम है और भारतीय लोकतंत्र पर एक गहरा हमला है जो निर्विरोध रुप से बहुसंख्यकवाद पॉलिटिक्स के रास्ते को और मजबूत बनाएगा.
Surreal. This is a suicidal move by CWC and a deathly blow to Indian democracy paving the way for unopposed majoritarian politics. https://t.co/5RqMPoA7iz
— Reema Kagti (@kagtireema) May 25, 2019
गौरतलब है कि लोकसभा चुनाव 2019 में एनडीए से करारी हार के बाद राहुल गांधी ने कांग्रेस कार्य समिति को कांग्रेस के अध्यक्ष पद से इस्तीफा सौंपने की पेशकश की थी लेकिन उनकी इस पेशकश को खारिज कर दिया गया. उन्होंने ये भी कहा था कि इस पद के लिए प्रियंका गांधी का नाम भी ना लिया जाए और नया अध्यक्ष गांधी परिवार से इतर किसी व्यक्ति को बनना चाहिए.
कई राजनीतिक पंडितों की राय में, वंशवाद का ठप्पा झेलती आई कांग्रेस सरकार के लिए ये इस्तीफा बड़े बदलाव का संकेत हो सकता था लेकिन कांग्रेस कार्य समिति ने उनका इस्तीफा लेने से साफ इंकार कर दिया और कहा था कि पार्टी को इन प्रतिकूल परिस्थितियों में राहुल गांधी के नेतृत्व की ज़रुरत है.
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Team Gold busy cooking up a storm #IndiaturnsGold #StandupforGold
रीमा के इस ट्वीट पर एक शख़्स का कहना था कि हो सकता है कि इस मामले में लोग बनावटी और ढोंगी रवैया दिखा रहे हैं. उन्होंने कहा कि जब गुजरात दंगों के बाद लोग पीएम मोदी की बदली हुई पर्सैनैलिटी पर भरोसा कर सकते हैं और उन्हें प्रधानमंत्री के रुप में अपना सकते हैं तो लोग राहुल गांधी को लेकर अपने विचारों को क्यों नहीं बदलने की कोशिश कर रहे हैं? आखिर क्यों राहुल गांधी इन चुनावों में सकारात्मक बदलाव के बाद भी पप्पू की तरह देखे जा रहे हैं?
इस पर रीमा का कहना था कि वे राहुल को पप्पू के तौर पर नहीं देखती हैं. उन्होंने ये भी कहा कि राहुल के खिलाफ एक बेहद नेगेटिव कैंपेन चलता रहा है लेकिन वे इस दौरान काफी बहादुरी से अपने खिलाफ होते हमलों के खिलाफ खड़े हुए. उन्होंने नैतिकता का परिचय दिया जिसकी वे इज्जत करती हैं. साथ ही उन्होंने ये भी कहा कि कांग्रेस को अगर वापस मैदान में खड़ा होना है और प्रासंगिक दिखना है तो उन्हें कई बड़े फैसले लेने ही होंगे.