ट्रैजडी क्वीन के नाम से फेमस रहीं मीना कुमारी की 85वीं बर्थ एनिवर्सरी पर गूगल डूडल ने उन्हें श्रद्धांजलि दी है. पर्दे पर जितनी खूबसूरत वे लगती थीं उतनी ही कमाल की वो एक्टर थीं. उनका असली नाम महजबीन बानो था. मीना कुमारी को उनके गमगीन किरदारों और निजी जिंदगी में हुए उठापटक की वजह से 'ट्रैजिडी क्वीन' कहा जाने लगा.
मीना कुमारी का जन्म साल 1933 में हुआ था. महज 6 साल की उम्र में उन्होंने पहली बार फिल्म के लिए काम किया था, लेकिन महजबीन को असली पहचान मिली साल 1952 में आई फिल्म 'बैजू बावरा' से. इसी फिल्म के निर्देशक विजय भट्ट ने महजबीन बानो को एक नया नाम दिया और तब से उनका नाम मीना कुमारी पड़ गया था.
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'बैजू बावरा' के बाद मीना कुमारी ने साल 1953 तक 3 हिट फिल्में दी जिसमें दायरा, दो बीघा जमीन और परिणीता शामिल थीं. परिणीता में मीना कुमारी के काम को काफी सराहा गया और उनकी भूमिका ने भारतीय महिलाओं को खासा प्रभावित किया. माना जाता है कि इसी फिल्म के बाद उनकी छवि 'ट्रैजिडी क्वीन' की हो गई.
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निजी जिंदगी में भी कम नहीं थी 'ट्रैजिडी'
पर्दे पर गमगीन रहने वाली मीना कुमारी की निजी जिंदगी भी गम से भरी रही. मीना ने कमाल अमरोही के साथ शादी की थी. कमाल उनसे उम्र में 15 साल बड़े थे. लेकिन आजाद खयालों की मीना का ये रिश्ता ज्यादा दिनों तक नहीं चल पाया. साल 1964 में वो कमाल अमरोही से अलग हो गईं. इस रिश्ते के टूटने का मीना पर गहरा असर पड़ा. बताया जाता है कि मीना इस गम को भुलाने के लिए शराब के नशे में डूबी रहने लगीं. ज्यादा शराब के सेवन से वो लिवर सिरोसिस की शिकार हो गईं और फिल्म 'पाकिजा' के रिलीज के कुछ ही हफ्तों बाद 31 मार्च 1972 को 39 साल की उम्र में उनका देहांत हो गया.