फिल्म जगत में वहीदा रहमान को खूबसूरत अदाकारा और एक कुशल नृत्यांगना के रूप में जाना जाता है. इसमें कोई दोराय नहीं की वो अपने दौर की सबसे बेहतरीन डांसर थीं. इस के अलावा अपने दमदार अभिनय और मोहक नृत्य की बदौलत वो बॉलीवुड इतिहास की सबसे गुणी अभिनेत्रियों में से एक मानी जाती हैं.
वहीदा रहमान का जन्म 3 फरवरी 1938 को तमिलनाडु के चिंगलपट्टू में हुआ. वहीदा के पिता ब्रिटिश गवर्नमेंट में कलेक्टर थे. बहुत छोटी सी उम्र में ही उन्होंने अपनी बहन के साथ भरतनाट्यम की ट्रेनिंग लेनी शुरू कर दी. उन्होंने पहले भारतीय वॉइसराय के सामने परफॉर्मेंस दी और सुर्खियों में आईं. वहीदा रहमान से प्रख्यात फिल्म निर्देशक गुरु दत्त बहुत प्रभावित हुए. उन्होंने वहीदा को फिल्म सीआइडी में देव आनंद के अपोजिट उतारा. इसके बाद गुरु दत्त ने उन्हें अपनी फिल्म प्यासा में खुद के अपोजिट कास्ट किया. इस फिल्म में वहीदा के अभिनय को काफी सराहा गया.
कोठे पर नहीं गए थे कभी और जब गए तो देखा कुछ ऐसा कि दंग रह गए गुरु दत्त
इस फिल्म के बाद उनकी और गुरु दत्त की जोड़ी ने कमाल कर दिया. गुरु दत्त के जीवन की सबसे चर्चित फिल्म कागज के फूल में भी उन्होंने मुख्य नायिका के रूप में वहीदा रहमान को ही चुना. इसी बीच गुरु दत्त और वहीदा रहमान के रोमांस की भी खूब अफवाहें उड़ी जिसका बुरा असर दत्त साहब के परिवारिक जीवन पर भी पड़ा. इसके बावजूद दोनों ने फिल्म चौदहवीं का चांद और कागज के फूल फिल्म में काम किया. कागज के फूल में छोटे से रोल के बावजूद भी वहीदा के अभिनय की प्रशंसा हुई.
वहीदा रहमान को जन्मदिन मुबारक...
उन्होंने गुरु दत्त के अलावा देव आनंद के साथ मिलकर भी कई सारी हिट फिल्में दीं. इनमें सीआइडी, सोलहवा साल, काला बाजार, गाइड और प्रेम पुजारी जैसी सुपरहिट फिल्में शामिल हैं. इसके अलावा दिलीप साहेब के साथ राम और श्याम, आदमी जैसी सफल फिल्में कीं. यही नहीं ग्रेट शो मैन राज कपूर के साथ भी उनकी फिल्म तीसरी कसम सफल साबित हुई. उन्होंने राजेश खन्ना के साथ फिल्म खामोशी में काम किया.
1970 के बाद उन्होंने फिल्म में अपने किरदारों के साथ एक्सपेरिमेंट करने शुरू कर दिए. फिल्म फागुन में उन्होंने जया बच्चन की मां का रोल प्ले किया. इसे वो अपने जीवन की बड़ी भूल मानती हैं. इसका कारण ये था कि इस फिल्म के बाद उनके पास कई सारे फिल्मों में सिर्फ मां के रोल के लिए ऑफर आने लग गए थे.
वहीदा ने एक्टर कमलजीत के साथ 1974 में साथ फेरे लिए. उन्होंने कमलजीत के साथ फिल्म शगुन में काम भी किया था. शादी के बाद भी वहीदा ने फिल्मों में काम करना जारी रखा. वहीदा ने फिल्म त्रिशूल, कभी-कभी, मशाल और नमक हलाल जैसी हिट फिल्मों में अभिनय किया. 1991 की फिल्म लम्हें के बाद करीब 12 साल वहीदा फिल्मों से दूर रहीं.
अपनी अगली पारी में भी वहीदा रहमान सक्सेसफुल रहीं. उन्होंने फिल्म दिल्ली 6, रंग दे बसंती जैसी फिल्मों में काम किया. वहीदा को बॉलीवुड की सबसे वर्सिटाइल हिरोइनों में गिना जाता है. वहीदा रहमान को कला के क्षेत्र में योगदान के लिए पद्मश्री और पद्म भूषण से नवाजा गया. फिल्म गाइड के लिए उन्होंने साल की श्रेष्ठ फिल्मफेयर बेस्ट एक्ट्रेस का अवार्ड जीता.