जाने माने डायरेक्टर राजकुमार हिरानी पर #MeToo के आरोप लगने से बॉलीवुड के कई सेलेब्स को भरोसा नहीं हो रहा था. कई सितारों ने हिरानी का समर्थन किया. फिल्म संजू में हिरानी संग बतौर असिस्टेंट डायरेक्टर काम चुकी एक महिला ने उन पर यौन उत्पीड़न के आरोप लगाए थे. हालांकि, हिरानी ने खुद पर लगे आरोपों को गलत बताया. आरोपों के बाद, उनका नाम फिल्म 'लड़की को देखा तो ऐसा लगा' के पोस्टर से भी हटा दिया गया.
अब मिड-डे की एक रिपोर्ट के अनुसार, राजकुमार हिरानी के फिल्म स्टूडियो, राजकुमार हिरानी फिल्म्स को फिक्की फ्रेम्स में भाग लेने के लिए इनवाइट किया गया है. इवेंट के आयोजकों ने उन पर लगे #MeToo के आरोपों की अनदेखी करते हुए उन्हें आमंत्रित किया है. सोर्स के आधार पर छपी रिपोर्ट के मुताबिक़, हिरानी की एक साफ छवि है और जब आरोप सामने आए, तो फिल्म इंडस्ट्री के कई लोगों ने उनके समर्थन किया.
फिक्की के सदस्यों ने फैसला किया कि जब तक वह दोषी साबित नहीं हो जाते, तब तक उन्हें या उनके प्रोडेक्शन हाउस को बोर्ड में रखने में कोई बुराई नहीं है. हिरानी कार्यक्रम में एक मास्टरक्लास सेशन में शिरकत कर सकते हैं.
So #RajkumarHirani , the biggest image laundry is now himself stained.
Let's see who makes a movie on him making him look innocent and a saint like figure.
It's so heartbreaking to see people you once admired turn out to be such jerks in real life.
— Roshan Rai (@RoshanKrRai) January 13, 2019
Director #RajkumarHirani made film #Sanju to cleanse image of #SanjayDutt, So now who will make his biopic to cleanse his image?😜😂
— KRK (@kamaalrkhan) January 13, 2019
बता दें कि हिरानी ने अपने ऊपर लगे आरोपों को नकारते हुए कहा था, ''मैं इस दावे से शॉक्ड हूं. मैंने इस मामले को समिति या एक कानूनी इकाई के पास भेजने की सलाह दी थी. लेकिन शिकायकर्ता इसके बदले मीडिया के पास गई. मैं जोर देकर कहना चाहता हूं कि मेरी छवि खराब करने के इरादे से गलत और नुकसान पहुंचाने वाली कहानी का प्रचार किया जा रहा है.''
महिला ने लगाया ये आरोप
महिला ने आरोप लगाते हुए बताया था कि हिरानी ने उनके लिए अभद्र टिप्पणी का इस्तेमाल किया. अपने घर और दफ्तर में मेरे साथ जोर जबरदस्ती की. महिला ने लंबे समय तक अपनी आवाज दबाने की वजह भी बताई. उन्होंने बताया था कि वो इसलिए खामोश रही क्योंकि उन्हें अपनी नौकरी खोने का डर था.