एक्टर रितिक रोशन की हाल ही में फिल्म 'मोहेनजो दारो' रिलीज हुई है. इस फिल्म के बाद अब वह 'काबिल' की शूटिंग में व्यस्त हैं. रितिक रोशन से हाल ही में हुई खास बातचीत के पेश हैं कुछ खास अंश:
फिल्म 'मोहेनजो दारो' के लिए हां करने की क्या वजह थी?
जब मेरे पास स्क्रिप्ट आई तो बस मुझे ये बात पता थी की मुझे अपना बेस्ट देना है और किसी बात के लिए परेशान नहीं होना है. हां उम्मीद होना
जरूरी है क्योंकि उससे आप और भी बेहतर प्रदर्शन करते हो और उम्मीद पर खरे उतरने की कोशिश करते हैं. मुझे 'जोधा अकबर' के दौरान भी मेरे दोस्तों
ने कहा था की तुम ये रोल क्यों कर रहे हो, हिस्टोरिकल फिल्म मत करो, अकबर की हाईट तुमसे कम है, उसका किरदार कैसे निभाओगे? इस बार भी मुझे
कई दोस्तों ने ऐसी बात कही. लेकिन मैं अपनी जगह खड़ा हूं और मुझे सच्चाई पता है. अगर पिक्चर अच्छी हो तो जरूर चलती है.
सरमन का किरदार निभाने के लिए कुछ खास तैयारी की थी क्या आपने?
नहीं, कुछ स्पेशल तो नहीं किया लेकिन किरदार में एक साधारणपन था जो मुझे 'कहो ना प्यार है' फिल्म के रोहित की याद दिलाता है.
क्या फिल्मांकन के दौरान आपने भी कुछ सुझाव दिए?
जी हां, आदत से मजबूर हूं, अपने पिता के साथ मैंने लगभग 6-7 फिल्में असिटैंट डायरेक्टर के रूप में की हैं, अपने पिता से ही मैंने फिल्ममेकिंग के
बारे में बहुत कुछ सीखा है. और सबसे बड़ी बात ये है कि फिल्मकार मेरे सुझावों पर हमेशा ध्यान देते हैं.
क्या फिल्म के स्पेशल इफेक्ट पर भी आपने सुझाव दिया?
मैंने 'कृष 3' के दौरान स्पेशल इफेक्ट पर काफी सुझाव दिए थे लेकिन इस बार 'मोहेनजो दारो' के लिए ज्यादा वक्त नहीं दे पाया क्योंकि मैं 'काबिल'
की शूटिंग में व्यस्त था.
ऐसा कहा जाता है की बाकी एक्टर्स के मुकाबले आपका डेब्यू सबसे बेस्ट रहा है, क्योंकि आपके भीतर एक एक्टर के सारे गुण थे?
जब मैं उस पल के बारे में सोचता हूं तो मुझे लगता है कि मैं थोड़ा पागल सा था, मैं जब 17 साल का था, तब से विडियो कैमरा मेरे हाथ में हुआ
करता था और मैं खुद को शूट किया करता था, म्यूजिक सीखता था, शीशे में खुद को देखा करता था, एक तरह का पागलपन हुआ करता था जिसका
रिजल्ट 'कहो ना प्यार है' फिल्म में दिखा. मैंने उस दिन के लिए 17 साल की उम्र से बेहद हार्ड वर्क किया था.
क्या डायरेक्टर्स ने आपके डांसिंग स्किल्स का फायदा उठाया?
हां, अक्सर डायरेक्टर्स मेरे लिए गानों को बनाते हैं और उस पर मैं डांस करता हूं. मुझे अच्छा लगता है क्योंकि जो आपका टैलेंट है, उसका फायदा
जरूर उठाया जाना चाहिए.
किस तरह की फिल्में करना चाहते हैं?
मैं एक कॉमेडी फिल्म करना चाहता हूं, लेकिन जैसी कॉमेडी मुझे पसंद है, वैसी स्क्रिप्ट अभी मिल नहीं पा रही. मुझे सीधे चेहरे से की जाने वाली
कॉमेडी पसंद है, जबरदस्ती वाली कॉमेडी बिल्कुल नापंसद है.
आपको कैसा लगता है जब शूटिंग सेट से आपकी तस्वीरें सामने आ जाती हैं?
देखिये उसमें हमारी नाकामी है, बहुत बुरा लगता है जब कोई फिल्म का कोई हिस्सा निकालकर दुनिया के सामने गलत तरीके से पेश करता है. बहुत
ही मेहनत से हम फिल्म बनाते हैं, और हमें सुरक्षा का विशेष ध्यान देना चाहिए.
क्या भारतीय 'एवेंजर्स' भी बनायी जा सकती है?
देखिए, मेरी 'कृष', फिर अभी 'फ्लाइंग जट्ट' आ रही है, ऐसे में 2-3 और भारत के सुपरहीरोज आ जाएं तो भारत की 'एवेंजर्स' जरूर बनायी जा सकती
है.