अजय देवगन की फिल्म 'रेड' और रानी मुखर्जी की 'हिचकी' का बॉक्स-ऑफिस पर अच्छा प्रदर्शन जारी है. 'रेड' ने भारत में 13 दिनों में 86.98 करोड़ रुपये की कमाई कर ली है. वहीं, 'हिचकी' ने 6 दिनों में 22.70 करोड़ रुपये का कलेक्शन किया है. 'हिचकी' लगभग 20 करोड़ रुपये के बजट में बनी है.
'रेड' ने दूसरे शुक्रवार 3.55 करोड़ रुपये, शनिवार 5.71 करोड़ रुपये, रविवार 7.22 करोड़ रुपये, सोमवार 2.42 करोड़ रुपये, मंगलवार 2.41 करोड़ रुपये, बुधवार 2.62 करोड़ रुपये का बिजनेस किया.
#Raid [Week 2] Fri 3.55 cr, Sat 5.71 cr, Sun 7.22, Mon 2.42 cr, Tue 2.41 cr, Wed 2.62 cr. Total: ₹ 86.98 cr. India biz.
— taran adarsh (@taran_adarsh) March 29, 2018
'हिचकी' ने पहले दिन यानी शुक्रवार को 3.30 करोड़ रुपये, शनिवार को 5.35 करोड़ रुपये, रविवार को 6.70 करोड़ रुपये, सोमवार को 2.40 करोड़ रुपये, मंगलवार को 2.35 करोड़ रुपये, बुधवार को 2.60 करोड़ रुपये का कलेक्शन किया.
#Hichki continues its SUPER RUN... Wed better than Mon and Tue... Fri 3.30 cr, Sat 5.35 cr, Sun 6.70 cr, Mon 2.40 cr, Tue 2.35 cr, Wed 2.60 cr. Total: ₹ 22.70 cr [961 screens]. India biz.
— taran adarsh (@taran_adarsh) March 29, 2018
आपको बता दें कि 'हिचकी' भारत में 961 स्क्रीन्स पर और 'रेड' को भारत में 3400 स्क्रीन्स पर रिलीज किया गया है.
REVIEW: सच्ची कहानी को बेहतर ढंग से पेश करती है अजय देवगन की RAID
'रेड' की कहानी 1981 के लखनऊ, उत्तर प्रदेश की है. यहां के इनकम टैक्स डिपार्टमेंट में ऑफिसर अमय पटनायक (अजय देवगन) का ट्रांसफर हो जाता है. वो अपनी पत्नी मालिनी पटनायक (इलियाना डिक्रूज) के साथ यहां आते हैं. डिपार्टमेंट में उनके मातहत लल्लन (अमित सयाल) और बाकी लोग काम करते हैं . जब अमय को पता चलता है कि रामेश्वर सिंह उर्फ ताऊजी (सौरभ शुक्ला) ने अपने घर बहुत पैसा छुपाया है तो वो अपनी टीम के साथ उनके घर रेड मारने जाते हैं. इसके बाद फिल्म में बहुत ट्विस्ट एंड टर्न्स आते हैं और एकके बाद एक कई घटनाओं का पर्दाफ़ाश होता है.
क्यों देखनी चाहिए अजय देवगन की फिल्म RAID? पांच वजहें
वहीं, 'हिचकी' की कहानी मुंबई की रहने वाली नैना माथुर (रानी मुखर्जी) की है जो कि टूरेट सिंड्रोम से जूझ रही है. जिसकी वजह से वह रुक-रुककर बातचीत कर पाती हैं. अच्छी खासी पढ़ाई करने के बावजूद नैना एक टीचर की जॉब करना चाहती है जिसके लिए वह अलग-अलग स्कूल में अप्लाई भी करती हैं. काफी मुश्किलों के बाद एक स्कूल में उनको टीचर के रुप में रखा जाता है.