कमल हासन ने पिछले अपने एक लेख में हिन्दू आतंकवाद का जिक्र किया था. इसके बाद विवाद बढ़ गया था. अब उनके इस बयान के खिलाफ मद्रास हाई कोर्ट में याचिका दायर कर उन पर एफआईआर दर्ज करने की मांग की गई है.
याचिकाकर्ता का कहना है कि इस तरह के बयान देकर कमल हासन ब्रैंड हिन्दू को आतंकवादी बताने की कोशिश कर रहे हैं. वे तमिल समुदाय को धर्म के आधार पर बांटना चाहते हैं. इस याचिका पर सुनवाई करते हुए जस्टिस एमएस रमेश ने अभियोजन पक्ष को संबंधित पुलिस अधिकारियों से दिशा निर्देश लेने को कहा है. साथ ही याचिका पर अपना फैसला एक सप्ताह के लिए स्थगित किया है.
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याचिकाकर्ता जी. देवराजन हाईकोर्ट में रजिस्टर्ड एडवोकेट क्लर्क हैं. उन्होंने कहा कि तमिल मैगजीन में प्रकाशित कमल हासन का लेख धर्म के नाम पर बांटने की कोशिश है. कोई धर्म हिंसा की बात नहीं करता'. गौरतलब है कि कमल हासन ने कहा था, 'हिंदू आतंकवाद की बात कहने वाले लोगों को दक्षिणपंथी चैंलेज नहीं कर सकते हैं, क्योंकि आतंक हिंदू कैंप में भी पहुंच गया है. इस तरह की आतंकी गतिविधियां उन्हें किसी तरह की मदद नहीं करने वाली.'
कमल के बयान पर पलटवार करते हुए बीजेपी नेता सुब्रह्मण्यम स्वामी ने कहा था, 'कमल हासन ईमानदार व्यक्ति नहीं हैं और न ही निष्पक्ष हैं. अगर होते एनआईए को जाकर बताते या कम्प्लेन रजिस्टर करते, जो उन्होंने नहीं किया. स्वामी ने कहा कि वो चापलूस आदमी हैं. जयललिता के खिलाफ जब हम भ्रष्टाचार के केस चला रहे थे तब वो चूहे की तरह बिल में दुबक कर बैठ गए थे, आज तक उन्होंने किसी भी सार्वजनिक आंदोलन हिस्सा नहीं लिया.'
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उन्होंने कहा कि उसकी तीन फिल्में फ्लाप हो चुकी हैं इसलिए अब सिनेमा से रिटायरमेंट चाहता है. इसलिए इस तरह के स्टेटमेंट दे रहा हैं. उसका कुछ होने वाला नहीं है, इसलिए कम्युनिस्टों की चापलूसी कर रहा है. लेनिन ने कहा था कि कई इडियट भी यूजफूल होते हैं. स्वामी ने कहा कि वो आधारहीन आरोप लगा रहे हैं, उनके पास कोई सबूत नहीं है.