हिंदी दिवस के मौके पर देशभर में लोग बधाइयां दे रहे हैं. हिंदी भाषा आज के दौर में सिर्फ भारत ही नहीं बल्कि दूसरे मुल्कों में भी बोली जाती है. इसमें कोई दोराय नहीं है कि हिंदी भाषा को विश्व स्तर पर पहचान दिलाने में बॉलीवुड ने अहम योगदान अदा किया है. इस खास मौके पर बॉलीवुड सितारों ने भी इस भाषा का शुक्रिया किया और सभी को हिंदी दिवस की शुभकामनाएं दीं. इस फेहरिश्त में अजय देवगन और अनुपम खेर जैसे सितारों के नाम शामिल हैं.
एक्टर अनुपम खेर ने एक वीडियो के जरिए अपने बचपन के दिनों को याद किया. उन्होंने ट्विटर पर एक वीडियो शेयर किया है जिसमें वे अपनी मां से बात कर रहे हैं और उनसे पूछ रहे हैं कि उन्होंने अनुपन को इंग्लिश मीडियम स्कूल में क्यों नहीं भेजा. उनकी मां ने इसका जवाब भी दिया और दोनों ने इस बात का फख्र करते हुए कहा कि शिक्षा के लिए उन्होंने हिंदी मीडियम स्कूल में पढ़ाई की.
आप सभी को मेरी और दुलारी की तरफ़ से #हिंदीदिवस की बहुत बहुत शुभकामनाएँ। हालात की वजह से माता पिता अंग्रेज़ी स्कूल में नहीं भेज सके। पर उससे कोई ज़्यादा फ़र्क़ पड़ा नहीं। हमने जीवन में ठीक ठाक ही तरक़्क़ी कर ली है। माता ख़ुश है और हम तो बहुत ख़ुश है।दुलारी और पुष्कर की जय हो।🙏😍 pic.twitter.com/xV0KIZa9xC
— Anupam Kher (@AnupamPKher) September 14, 2019
अनुपम ने वीडियो शेयर करते हुए लिखा- ''आप सभी को मेरी और दुलारी की तरफ़ से हिंदी दिवस की बहुत बहुत शुभकामनाएँ. हालात की वजह से माता-पिता अंग्रेज़ी स्कूल में नहीं भेज सके. पर उससे कोई ज़्यादा फ़र्क़ पड़ा नहीं. हमने जीवन में ठीक ठाक ही तरक़्क़ी कर ली है. माता ख़ुश है और हम तो बहुत ख़ुश है. दुलारी और पुष्कर की जय हो.''
दो पंक्तियों के बाद अंग्रेज़ी का इस्तेमाल किया क्यूँकि भारत में ऐसे बहुत से लोग है जो हिंदी की लिपि नहीं पढ़ सकते। हिंदी का सम्मान करना किसी और भाषा को नीचा दिखाना नहीं हो सकता। हमारे देश में 1500 से अधिक भाषाएँ और बोली हैं। मेरी ख़ुद की बोली हरियाणवी है। एर मुझे उसपे गार्ब है🙏🏽
— Randeep Hooda (@RandeepHooda) September 14, 2019
हिंदी है हम, वतन है हिंदुस्तान हमारा🙏🏻#हिंदी_दिवस
— Ajay Devgn (@ajaydevgn) September 14, 2019
अनुपम खेर के अलावा अजय देवगन ने भी सभी को हिंदी दिवस की बधाइयां दीं. उन्होंने ट्विटर पर लिखा- ''हिंदी है हम वतन हैं, हिंदुस्तान हमारा.'' एक्टर रणदीप हुड्डा ने लिखा- ''दो पंक्तियों के बाद अंग्रेज़ी का इस्तेमाल किया क्यूँकि भारत में ऐसे बहुत से लोग हैं जो हिंदी की लिपि नहीं पढ़ सकते. हिंदी का सम्मान करना किसी और भाषा को नीचा दिखाना नहीं हो सकता. हमारे देश में 1500 से अधिक भाषाएँ और बोली हैं. मेरी ख़ुद की बोली हरियाणवी है. और मुझे उसपे गर्व है.''