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पीटी उषा का किरदार निभाना चाहती हूं: बिपाशा बसु

बिपाशा बसु को बॉलीवुड में लगभग डेढ़ दशक होने को आया है. उन्होंने हिंदी सिनेमा में एडल्ट लव स्टोरी से लेकर हॉरर फिल्मों तक में अपनी छाप छोड़ चुकी हैं. हर तरह की फिल्में करने वाली बिपाशा अब भारत की पहली क्रीचर बेस्ड फिल्म में नजर आने वाली हैं. उनसे करियर और फिल्म को लेकर खास बातचीत.

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बिपाशा ने यह तस्वीर हाल ही ट्विटर पर शेयर की
बिपाशा ने यह तस्वीर हाल ही ट्विटर पर शेयर की

बिपाशा बसु को बॉलीवुड में लगभग डेढ़ दशक होने को आया है. उन्होंने हिंदी सिनेमा में एडल्ट लव स्टोरी से लेकर हॉरर फिल्मों तक में अपनी छाप छोड़ चुकी हैं. हर तरह की फिल्में करने वाली बिपाशा अब भारत की पहली क्रीचर बेस्ड फिल्म में नजर आने वाली हैं. उनसे करियर और फिल्म को लेकर खास बातचीतः

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पहले हॉरर और अब क्रीचर बेस्ड फिल्म, क्यों?
बिपाशा: देखिए मैं वही फिल्में करती हूं, जिसकी कहानी मुझे अच्छी लगती है. यह भारत की पहली क्रीचर बेस्ड फिल्म है इसलिए मैं इसका हिस्सा बनना चाहती थी. वैसे भी मुझे एडवेंचर और थ्रिलर फिल्में पसंद हैं. यह ऐसी फिल्म है, जिसे हर उम्र का इंसान देख सकता है.

फिल्म चुनते समय किस तरह का दबाव रहता है?
बिपाशा: कोई दबाव नहीं रहता. जो पसंद आता है, वही चुनती हूं. ऑडियंस भी इसमें मेरा साथ देती है.

फिल्मों या करियर को लेकर किस तरह का प्लान लेकर चलती हैं?
बिपाशा: मैंने कभी कोई भी काम प्लान करके नहीं किया है. फिल्मों में भी मैं कोई प्लान बनाकर नहीं आई थी. हमेशा वही कहानियां चुनने को कोशिश की जो मुझे पसंद आईं. जिनसे मुझे खुशी मिली.

असल जिंदगी और काम को कैसे अलग रखती हैं?
बिपाशा: मैं सिर्फ अपने काम से मतलब रखती हूं. फिल्म रिलीज होने के बाद मेरी जिम्मेदारी खत्म हो जाती है. फिल्में ही मेरे लिए सब कुछ नहीं है. मेरी अपनी जिंदगी भी है. वैसे भी इंडस्ट्री में मेरे बहुत ज्यादा दोस्त नहीं हैं. मेरा कोई बैकअप भी नहीं है. मैं किसी को फॉलो करने में भी यकीन नहीं करती इसलिए जो मन में आता है, वही करती हूं.

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इन दिनों बायोपिक्स का जमाना है, आप परदे पर किसकी जिंदगी को पेश करना चाहेंगी?
बिपाशा: पीटी उषा की.

आपको लगता है कि समाज में औरतों को लेकर संवेदनशीलता बढ़ी है?
बिपाशा: देखिए हमारे यहां काफी बातें होती हैं, काफी कुछ लिखा जाता है. लेकिन आउटपुट कुछ नहीं होता है. हर चीज वैसी ही रहती है. एक घटना के बाद दूसरी होती चली जाती है. लड़कियों को लेकर जमीनी स्तर पर जागरुकता पैदा करने की जरूरत है. बेटा-बेटी के भेदभाव को खत्म करना होगा. वहां से हमें बराबरी का सबक सिखाना होगा.

आपकी अगली फिल्म भी हॉरर है, और कौन-कौन सी फिल्में कर रही हैं?
बिपाशा: मेरी अगली फिल्म 'अलोन' है. यह भी हॉरर फिल्म है. मैं एक बार में एक ही फिल्म करती हूं.

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